जटही-पिपरौन सड़क का निर्माण कार्य रुका, अतिक्रमण की चपेट में मार्ग
भारत-नेपाल सीमा पर जटही-पिपरौन सड़क का निर्माण कार्य रुक गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। संवेदक को 20 दिन का समय दिया गया था, लेकिन काम अधूरा है। विधायक सुधांशु शेखर ने स्थिति का जायजा लिया और...

हरलाखी। भारत-नेपाल सीमा पर 1 करोड़ 19 लाख 33 हज़ार रुपये की लागत से बनने वाली जटही-पिपरौन सड़क का निर्माण कार्य बीच में ही रुक गया है। जिससे दोनों देशों के इस मुख्य मार्ग व ट्रेड रूट से आवागमन फिलहाल अवरुद्ध है। जबकि संवेदक को निर्माण कार्य के लिए 20 दिन का ही समय दिया गया था। जिसका समय बीता जा रहा है। सड़क निर्माण शुरु होने के दिन से ही हर दिन सैकड़ों लोग आवागमन बंद होने से परेशान हो रहे हैं। इस बीच सड़क निर्माण कार्य रुक जाने के कारण समस्या अधिक दिनों तक बनी रह सकती है। यह भारत नेपाल का ट्रेड रुट भी है।
दोनों देशों के व्यापार इस मार्ग से हो रहे थे। यहां चेकपोस्ट के निकट भारत सरकार का कस्टम कार्यालय भी है। वहीं चेकपोस्ट के उस पार जटही में भी नेपाल सरकार का भंसार (कस्टम) कार्यालय है। इस मार्ग से हर दिन करोड़ों रुपये का सामान कस्टम के माध्यम से नेपाल जाता और आता है। जिससे दोनों देशों के राजस्व में इजाफा होता है। इधर 1 सितंबर से जटही-पिपरौन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था। जो बीच मे रुक गया है। जबकि आधे से ज्यादा सड़क की ढलाई हो चुकी है। जहां सरकारी भूमि पर होटल, पान दुकान व गैरेज आदि की दुकानें हैं, अतिक्रमण किया गया है। वहीं बगल से निजी भूमि से आवागमन हो रही थी। जहां निजी भूमि होने के कारण सड़क की ढलाई करने से स्थानीय ग्रामीणों ने रोक दिया। विरोध हुआ तो संवेदक अपना सामान समेटकर चले गए। इस बीच लोगों की शिकायत पर विधायक सुधांशु शेखर ने जटही-पिपरौन बॉर्डर पर पहुंचकर रुके सड़क निर्माण का जायजा लिया और कहा कि जल्द विवाद सुलझा लिया जाएगा। यह सड़क बनने से स्थानीय लोगों को ही फायदा होगा। दोनों देशों के मार्ग प्रसस्त होंगे और कारोबार में भी इजाफा होगा।
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