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शहर के मंटू का नाम गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

मधुबनी शहर के मन्टू कुमार को एक बार फिर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। अंधविश्वास के खिलाफ देशभर में अनवरत अभियान चलाए जाने को लेकर यह सम्मान मिला है। गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड के...

शहर के मंटू का नाम गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSun, 11 Aug 2019 12:11 AM
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मधुबनी शहर के मन्टू कुमार को एक बार फिर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। अंधविश्वास के खिलाफ देशभर में अनवरत अभियान चलाए जाने को लेकर यह सम्मान मिला है। गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विष्णोई द्वारा उन्हें विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने पर प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। 29 वर्ष के मन्टू को उनकी उम्र से कई गुना ज्यादा पुरस्कार मिल चुका है। लगातार 17 वर्षों से पूरे भारत में घूम-घूम कर अंधविश्वास मुक्त अभियान चला रहे हैं। मन्टू कुमार को पूरे भारत के 200 गांवों को अंधविश्वास मुक्त करने का विश्व रिकार्ड अपने नाम कर लिया है।मन्टू ने बताया कि उन्हें अंधविश्वास मुक्त करने में करीब सत्तरह वर्ष का समय लगा है। उन्होंने अंधविश्वास मुक्त अभियान कि शुरुआत अपने घर से ही की थी। और फिर उसके बाद धीरे-धीरे गांव से शहर में अंधविश्वास मुक्त अभियान कार्यक्रम चलाने लगा। देखते ही देखते विश्व रिकॉर्ड बन गया। वे इस उपलब्धि का श्रेय अपनी मां को दिया है।अबतक मिल चुका है दर्जनों अवार्ड:मन्टू को वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों राष्ट्रपति पुरस्कार, नेहरू युवा केंद्र, मधुबनी के द्वारा 2017 में बेस्ट यूथ क्लब अवार्ड। 2012 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वैज्ञानिक प्रो. यशपाल के हाथों पुरस्कार। 2015 में राष्ट्रीय एकता शिविर मिजोरम में नेहरू युवा केंद्र, मिजोरम के जोनल डायरेक्टर एस. आर. विष्णोई के हाथों पुरस्कार। 2008 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के गीत एवं नाटक प्रभाग के निदेशक एन नवचन्द्र सिंह के हाथों पुरस्कार। 2018 में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केन्द्रीय मंत्री युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के राज्य वर्धन सिंह राठौर के हाथों संयुक्त रूप मिला। 2018 में राष्ट्रीय युवा गौरव सम्मान। वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान देकर नेपाल प्रदेश संख्या दो के महामहिम राज्यपाल रत्नेश्वर लाल कायस्थ और बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भारत के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा नेपाल के जनकपुर में सम्मानित किया गया।

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