कवियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
मधुबनी में अरुणिमा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें रेवतीरमण झा की अध्यक्षता में कई साहित्यकारों ने भाग लिया। गोष्ठी में कमलेश प्रेमेन्द्र की रचना से शुरुआत हुई और विभिन्न रचनाओं की सराहना की गई।...

मधुबनी। मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में अरुणिमा साहित्यिक गोष्ठी संस्कृत उच्च विद्यालय परिसर में साहित्यकार रेवतीरमण झा की अध्यक्षता में हुई। गोष्ठी का आरंभ कमलेश प्रेमेन्द्र की रचना ‘नीक बनि प्रभु नेक बनी प्रार्थना से हुआ। गोपाल झा अभिषेक, सुभेश चन्द्र झा, सुनील कुमार मिश्र, दिलीप कुमार झा, ऋषिदेव सिंह, दिनेश चन्द्र झा, डा.रवीन्द्र झा, सुभाष चन्द्र झा सिनेही की रचनाएं काफी सराही गई। कथापाठ सत्र में चण्डेश्वर खां ‘फ्री और फ्री लघुकथा के माध्यम से देश में पनप रही फ्री बीज संस्कृति पर प्रहार किया। आशीष कुमार मिश्र की लघुकथा ‘घूस ‘भ्रष्टाचार किस कदर फैली हुई है उसको उजागर किया। युवा कथाकार सोनू कुमार झा की कहानी को भी काफी सराहना मिली। मालती मिश्र की कहानी छोटकी बाबी और रेवतीरमण झा की कथा मोहन सिंह की भी सराहना हुई। पठित रचना पर समीक्षकीय टिप्पणी वरिष्ठ साहित्यकार दिलीप कुमार झा ने दी। संचालन पं.प्रजापति ठाकुर एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष प्रीतम निषाद ने किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।