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15 सालों से किराए पर चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र

मधवापुर प्रखंड में करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों को 15 सालों में अपना भवन नसीब नहीं हो सका। इस कारण योजना संचालन में काफी कठिनाई हो रही है। प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में 10...

15 सालों से किराए पर चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीThu, 23 Aug 2018 02:57 PM
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मधवापुर प्रखंड में करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों को 15 सालों में अपना भवन नसीब नहीं हो सका। इस कारण योजना संचालन में काफी कठिनाई हो रही है। प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में 10 वर्षों से अर्द्धनिर्मित हालत में कई केंद्र का भवन पड़ा हुआ है। वहीं कई जगहों पर निर्माण एजेंसियों ने तैयार भवन विभाग को हस्तगत नहीं कराया है। जबकि कई पंचायतों में केंद्र का भवन बनना भी शुरू नहीं हुआ है। वहां वर्ष 2003 में 100 से अधिक केंद्रों का संचालन जैसे-तैसे शुरू किया गया था। फिलहाल 13 पंचायतों में 119 केंद्र संचालित है। चार-पांच साल बाद जमीन की उपलब्धता के अनुसार कुछ स्थानों पर सरकारी भवन बनना शुरू हुआ। लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी सरकारी लागत के उद्देश्य पूरे नहीं हुए। कई जगह आज भी  केंद्रों का भवन अर्द्धनिर्मित हालत में पड़ा हुआ है। वहीं कई जगह तैयार भवन को निर्माण एजेंसियों ने विभाग को हस्तगत नहीं कराया। जबकि कई केंद्रों का भवन बनाने का काम शुरू भी नहीं किया गया। मुखियापट्टी पंचायत के रैमा गांव के वार्ड नंबर 13 में पोखर किनारे बिना बाउंड्री वाल व बिना शौचालय का भवन बना कर छोड़ दिया गया। जहां पानी में बच्चों को लुढ़कने का भय बना रहेगा। वहीं महिला कर्मियों की संस्था में शौचालय नहीं बनाने से भी परेशानी होगी। उधर मकान के अभाव में कुछ केंद्रों को छोड़कर बाकी को किराए का घर, सार्वजानिक दलान, मंदिर, सामुदायिक भवन और स्कूल आदि में चलाया जा रहा है।

अपना भवन नहीं होने से बच्चों को बैठने, पढ़ने व खेलने में परेशानी हो रही है। केद्र संचालन के लिए नियुक्त महिला कर्मियों के लिए शौचालय जाने की भी परेशानी है। केंद्रों का सामान रखने की व्यवस्था नहीं है।

     प्रभारी सीडीपीओ सुशीला कुमारी ने कहा कि यह मामला उनके मधवापुर पदस्थापना से पहले का है। फिर भी विभागीय आवश्यकताओं से वरीय अधिकारियों को समय पर अवगत कराया जाता है। आने वाले निकट समय में समस्याएं खत्म कर ली जाएंगी।

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