अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग हुई तेज
अलग मिथिला राज्य निर्माण के लिए मिथिला राज्य निर्माण सेना कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार है। मिथिला वासियों को जागृत करने के लिए कई चरणों में पुनर्जागरण...
सिंहेश्वर । निज संवाददाता
अलग मिथिला राज्य निर्माण के लिए मिथिला राज्य निर्माण सेना कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार है। मिथिला वासियों को जागृत करने के लिए कई चरणों में पुनर्जागरण यात्रा निकाली जाएगी। मिथिला राज्य निर्माण सेना के महासचिव राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यात्रा और अलग मिथिला राज्य निर्माण के लिए किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके साथ यात्रा संयोजक जीवानंद झा, सुपौल जिलाध्यक्ष आकाश गौतम भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि अलग मिथिला राज्य निर्माण को लेकर मिथिला राज्य निर्माण सेना दो जनवरी से पुनर्जागरण यात्रा निकालेगी। यात्रा के दूसरे चरण का आगाज दो जनवरी को सहरसा जिले के उग्रतारा पीठ महिषी से की जाएगी। इन्होंने बताया कि मिथिला को हमेशा उपेक्षित रखा गया है। आबादी के अनुसार विकास कार्यों में मिथिला को भागीदारी नही दो जा रही है।
इन्होंने कहा आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अलग मिथिला राज्य के निर्माण व अस्मिता के मुद्दे को लेकर प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। फिलहाल कई चरण की यात्रा के बाद दरभंगा के राज मैदान में लोक संसद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मिथिला क्षेत्र से अधिकाधिक लोगों की उपस्थिति रहेगी। लोक संसद में पारित प्रस्ताव के अनुसार ही आगे का कार्य किया जाएगा। इन्होने बताया कि हम पूर्व से मिथला वासी हैं और रहेंगे। हमारी सबसे बड़ी पहचान जन्मभूमि है। इसके बाद भाषा है। लेकिन राजनीतिक भागीदारी नही रहने के कारण हमें लगातार उपेक्षित रखा गया है। बिहार तो 1912 में अचानक बना कर हम पर थोप दिया है। हमारे मिथला का गौरव शाली इतिहास हजारों वर्ष पुराना है।
