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पूर्व में तैयार सत्तू और भूजा से पेट भरने की विवशता

बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग ऊंचे स्थानों की तलाश में जगह-जगह भटकने के लिए मजबूर हो गये है। इस दौरान प्रभावित परिवारों के समक्ष खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गयी है। ये परिवार पूर्व में तैयार किये...

पूर्व में तैयार सत्तू और भूजा से पेट भरने की विवशता
हिन्दुस्तान टीम,मधेपुराSat, 18 Jul 2020 03:53 AM
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बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग ऊंचे स्थानों की तलाश में जगह-जगह भटकने के लिए मजबूर हो गये है। इस दौरान प्रभावित परिवारों के समक्ष खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गयी है। ये परिवार पूर्व में तैयार किये गये सूखा राशन मकई का सत्तू और मकई का भुजा खाकर ही पेट की आग बुझाने को विवश हैं।चौसा प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले परिवारों की हालत दयनीय होती जा रही है। लगभग पन्द्रह दिनों से घघड़ी नदी के जल स्तर में वृद्धि होने के कारण दस पंचायतों के करीब पचास हजार से अधिक लोगों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बताया गया कि फुलौत पश्चिमी, फुलौत पूर्वी, मोरसंडा और चिरौरी पंचायत की बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वही पैना पंचायत , घोषई , चौसा पश्चिमी, लौआलगान पूर्वी और लौआलगान पश्चिमी और अरजपुर पश्चिमी पंचायत सहित दस पंचायतों की लगभग पचास हजार से अधिक आबादी के प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सबसे भयावह स्थिति फुलौत पश्चिमी पंचायत के सपनी, घसकपुर, पनदही बासा, झंडापुर बासा और तियर टोला की है। तियर टोला के लगभग दो दर्जन से अधिक घरों में पानी घुस जाने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। तियर टोला के थोलो चौधरी, महेश चौधरी, पप्पू चौधरी, दिलीप चौधरी, सुदील चौधरी ने कहा कि घर में पानी घुसने के कारण वे लोग ऊंचे स्थानों की तलाश में जगह-जगह भटक रहे हैं। गोठ बस्ती में किसी रिस्तेदार के यहां गुजर बसर हो रहा है। लेकिन खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है।

सपनी मुसहरी के दर्जनों लोगों का घर चारों तरफ पानी घिर जाने के कारण लोग गांव में ही खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर है। वही फुलौत पूर्वी पंचायत के बड़ीखाल, बर बिग्घी, पिहोरा बासा, करैल बासा, चिकनी, मोरसंडा पंचायत के अमनी बासा, करैल मुसहरी के हजारों लोग ऊंचे स्थानों की खोज में लगे हैं। जबकि मोरसंडा पंचायत के अमनी बासा, करैलिया मुसहरी और कुछ मोरसंडा गोठ बस्ती के घरों में पानी फैलने के बाद स्कूलों और विकास भवन में शरण लिये हुए है। उदाकिशुनगंज के एसडीएम एसजेड हसन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित हुए इलाकों का निगरानी कराई जा रही है। आवाजाही के लिए सरकारी स्तर पर नाव का परिचालन कराया जा रहा है।

शाम ढलते ही आवागमन हो जाती है बाधित: बाढ़ प्रभावित इलाके में नाव से आवाजाही करने वाले रास्ते में शाम ढलते ही आवागमन बाधित हो जाता है। बताया गया कि फुलौत पूर्वी, फुलौत पश्चिमी, मोरसंडा और चिरौरी पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने के कारण संबंधित इलाकों के गांवों के लोगों को नाव के सहारे ही जरूरी काम के लिए नाव के सहारे ही आवाजाही करनी पड़ती है।शाम ढलते ही नाव के परिचालन पर रोक लगने के बाद से लोगों को आवागमन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

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