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तिरंगे के बाजार पर लॉकडाउन की मार से कारोबार चौपट

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे से सजी रहने वाली दुकानों पर इस बार कोरोना की भारी मार पड़ी है। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण इस साल तिरंगे की बिक्री काफी कम हो गयी है। हालत यह है कि खादी भंडार से...

तिरंगे के बाजार पर लॉकडाउन की मार से कारोबार चौपट
हिन्दुस्तान टीम,मधेपुराThu, 13 Aug 2020 11:54 PM
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे से सजी रहने वाली दुकानों पर इस बार कोरोना की भारी मार पड़ी है। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण इस साल तिरंगे की बिक्री काफी कम हो गयी है। हालत यह है कि खादी भंडार से ही अबतक मात्र चार तिरंगे की बिक्री हुई है। कई दुकानों से स्वतंत्रता दिवस को लेकर एक भी तिरंगे की बिक्री नहीं हो सकी है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे की बिक्री से हर साल दुकानदारों को अच्छी कमाई हो जाती थी। एक सप्ताह पहले से ही तिरंगे का बाजार सजकर तैयार हो जाता था।

स्कूल- कॉलेजों, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में तिरंगे के लिए हर साल बड़े पैमाने पर तिरंगे की खरीदारी होती थी। स्कूली छात्र- छात्राओं के द्वारा भी तिरंगे की बड़े पैमाने तिरंगे की खरीदारी की जाती थी। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद रहने के कारण तिरंगे के बाजार भी भारी मार पड़ी है। दुकानों पर ग्राहकों के नहीं पहुंचने से दुकानदारों में मायूसी की स्थिति है। खादी ग्राम उद्योग के मैनेजर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल 40- 45 हजार रुपये का तिरंगे का कारोबार हुआ था। इस बार अबतक मात्र दो- तीन तिरंगे की बिक्री हो पायी है।

लॉकडाउन के कारण सामान मांगने में 10-12 हजार अधिक किराया भुगतान करना पड़ता है। दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस बार दो तरह के तिरंगा उपलब्ध हैं। बड़े तिरंगे का 500 और उससे छोटे तिरंगे का 300 रुपया दाम है। अभी उनके पास 500 रुपये का 50 और 300 रुपये का 70 तिरंगा पिछले साल का बचा है। दुकानदार शिवम कुमार ने बताया कि पिछले साल उसकी दुकान से 15- 20 हजार रुपये के तिरंगे की बिक्री हुई थी। इस साल एक भी तिरंगा नहीं बिका है। पिछले साल का कुछ तिरंगा बचा है वही दुकान में उपलब्ध है। लॉकडाउन के कारण बाहर से इस बार नया सामान नहीं आ पाया है।

दुकानदार रवि कुमार ने बताया कि पिछले साल 20 से 25 हजार रुपये के तिरंगे की बिक्री हुई थी। इस बार अबतक एक भी तिरंगे की बिक्री नहीं हुई है। कोरोना की मार से इसबार दुकानदारी चौपट हो गयी है। दुकानदारों ने कहा कि कहा कि हर साल 15 अगस्त के कई दिन पहले से ही बाजार में चहल- पहल दिखने लगती थी। इस बार कोरोना और लॉकडाउन के कारण पहले जैसा कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। बाजार काफी मंदा चल रहा है।

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