पहली बार एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे बिहार के 8 जिले, औरंगाबाद से दरभंगा सीधे सफर
अब तक भू-धारियों के बीच 66 करोड़ 56 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर और दक्षिणी बिहार के बीच आवाजाही में आसानी होगी। दूरी करीब 4 घंटे तक कम हो जाएगी।
औरंगाबाद-दरभंगा एक्सप्रेस-वे पटना जिले के धनरुआ और फतुहा से गुजरेगा। जिला प्रशासन ने इन दोनों अंचलों में जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा कर लिया है। इस परियोजन के लिए पटना जिले में 12 मौजे में 205.25 एकड़ भूमि अर्जित की गई है। भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा भुगतान के लिए 123.24 करोड़ रुपये आवंटन है। अब तक भू-धारियों के बीच 66 करोड़ 56 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर और दक्षिणी बिहार के बीच आवाजाही में आसानी होगी। दूरी करीब 4 घंटे तक कम हो जाएगी।
रैयतों से राजस्व साक्ष्य की मांग फिर से की गई
इस परियोजना के लिए धनरुआ अंचल में 8 मौजा और फतुहा में 4 मौजा में भू-अर्जन की कार्रवाई की गई है। धनरुआ अंचल में 65 फीसदी मुआवजा का भुगतान किया गया है। मुआवजा भुगतान के लिए 140 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें राजस्व कागजात की कमी है। जिसके कारण मुआवजा भुगतान लंबित है। सभी रैयतों को जमीन से जुड़े दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में रैयतों से जमीन के कागजात की मांग की गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने धनरुआ के अंचल अधिकारी को निर्देश दिया है कि एक बार फिर से रैयतों से राजस्व साक्ष्य की मांग की जाए ताकि लंबित मामले का निपटारा जल्द से जल्द किया जा सके। बता दें कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।
बिहार के आठ जिले को जोड़ेगा
अभी बिहार में जितने भी एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी मिली वो सभी दूसरे राज्यों से होकर गुजरते हैं। ये पहली परियोजन है जो बिहार के 8 जिलों को जोड़ेगा। औरंगाबाद के आमस से शुरू होकर यह एक्सप्रेस-वे पटना, नालंदा, अरवल, जहानाबाद, वैशाली और समस्तीपुर होते हुए दरभंगा तक जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 189 किमी है। औरंगाबाद-दरभंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से किया जाना है।
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