
लालू ने आरजेडी कैंडिडेट को पार्टी से निकाला, तेजस्वी ने सहनी के पक्ष में बैठने कहा था
संक्षेप: पार्टी के आदेश की नाफरमानी और एनडीए को फायदा पहुंचाने के आरोप में अफजल अली खान को आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। गौड़ा बौराम की सीट से वीआईपी के संतोष सहनी महागठबंधन के प्रत्याशी है। अफजल अली को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी गई थी। लेकिन उन्होने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
बिहार चुनाव से पहले कई दलों से नेताओं की छुट्टी हो रही है। फिर चाहे वो जेडीयू हो, बीजेपी हो या फिर आरजेडी। अब राजद से एक और नेता को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। मो. अफजल अली खान को हठधर्मिता और पार्टी के फैसले के विरुद्ध जाने के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया है। जिसको लेकर आरजेडी की तरफ से पत्र भी जारी किया गया है। जिसमें अफजल अली पर पार्टी के आदेश की अवेहलना का आरोप है। दरअसल पूरा मामला गौड़ा बौराम सीट से जुड़ा है।

अफजल अली की आरजेडी से छुट्टी
राजद की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि दरभंगा की गौड़ा बौराम सीट इंडिया गठबंधन के द्वारा आपसी समन्वय के आधार पर विकासशील इंसान पार्टी को देने का निर्णय लिया गया है। महागठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में संतोष सहनी, वीआईपी को समर्थन प्राप्त है। आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा लिए गए आलोक में अफजल अली खान से भी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का सम्मान रखने की अपेक्षा की गई थी
लेकिन पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय की अवहेलना करते हुए अफजल अली ने एडीए गठबंधन को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से अपना नामांकन वापस नहीं लिया। जिसके चलते पार्टा द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में अफजल अली की हठधर्मिता और नेतृत्व के निर्णय के खिलाफ आचरण को देखते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
तेजस्वी ने सहनी के पक्ष में बैठने को कहा था
आपको बता दें सीटों पर सहमति बनने से पहले राजद ने अफजल अली को गौड़ा बौराम से पार्टी सिंबल दिया था। उन्होने आरजेडी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भी दाखिल कर दिया था। लेकिन बाद में ये सीट वीआईपी के पास चली गई। लेकिन अफजल ने न तो नामांकन वापस लिया, बल्कि पार्टी के आदेश की भी नाफरमानी की। तेजस्वी यादव ने भी उन्हें वाईआईपी के पक्ष में बैठने को कहा था। लेकिन वे नही माने। जिसके चलते उन्हें अब पार्टी से ही बेदखल कर दिया गया है। इससे पहले भी राजद से 27 नेताओं की छुट्टी हो चुकी है।





