बिहार के विश्वविद्यालयों में लाखों स्टूडेंट्स की डिग्री अटकी, एडमिशन से नौकरी तक में परेशानी
बिहार के विभिन्न यूनिवर्सिटी में डीम्ड डेट की मंजूरी नहीं मिलने से बीते कुछ सालों से डिग्री नहीं मिल पाई हैं। इससे छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई और नौकरी के आवेदन में परेशानी हो रही है।
बिहार के विश्वविद्यालयों में लाखों स्टूडेंट्स की डिग्रियां अटकी हुई हैं। यूनिवर्सिटी में डीम्ड डेट (डिग्री बांटने की तारीख) की मंजूरी नहीं मिलने के कारण बीआरएबीयू से लेकर बीएन मंडल विश्वविद्यालय तक में छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिल पा रही है। दरअसल, यूनिवर्सिटी में डीम्ड डेट की मंजूरी मिलने के बाद ही डिग्री दी जाती है। इससे हाल ही में यूजी और पीजी पास आउट छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन और नौकरी तक के आवेदन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में साल 2021 के बाद से डीम्ड डेट की मंजूरी नहीं मिलने से अब तक तीन लाख से अधिक यूजी एवं पीजी के छात्र-छात्राएं परेशान हैं। बीआरएबीयू के प्रॉक्टर सह मीडिया प्रभारी प्रो. विनय शंकर राय ने कहा कि डीम्ड डेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही स्टूडेंट्स को डिग्री मिलना शुरू हो जाएगी।
मधेपुरा यूनिवर्सिटी में 2018 से डीम्ड डेट नहीं
बीएन मंडल मधेपुरा विश्वविद्यालय में साल 20188 से डीम्ड डेट की मंजूरी नहीं मिली है। बीते 6 सालों से छात्र-छात्राएं डिग्री के लिए परेशान हैं। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर विपिन राय ने बताया कि उन लोगों की ओर से डीम्ड डेट का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही इसके मंजूर होने की संभावना है। इसके बाद डिग्रियां बंटने लगेंगी।
इसी तरह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में भी 2019 के बाद से डीम्ड डेट की मंजूरी नहीं मिल पाई है। बीते 4 सालों से लाखों छात्र डिग्री के लिए चक्कर काट रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी के उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. इनसान अली का भी वही बयान है जो अन्य विश्वविद्यालयों का है।
तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी में सत्र 2018-21 के बाद से डीम्ड डेट की मंजूरी नहीं मिली है। वहीं, जेपी विश्वविद्यालय छपरा में 2021 के बाद से डीम्ड डेट पेंडिंग है। कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय में भी साल 2019 से डीम्ड डेट नहीं आई है।
पास आउट छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी
साल 2022 से 2023 में स्नातक और पीजी करने वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि डिग्री नहीं मिलने से उन्हें नौकरी और नामांकन में परेशानी हो रही है। डिग्री के लिए आवेदन करने वाले मोहम्मद ऑन ने कहा कि उन्होंने एक साल पहले ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक डिग्री नहीं मिल पाई है।
बीआरएबीयू में छात्रों को डिग्री नहीं मिलने से पिछले दिनों पीएचडी के इंटरव्यू में काफी परेशानी हुई थी। इसके बाद छात्रों ने परीक्षा विभाग से एक लिखित टेस्टिमोनियल लेकर पैट का इंटरव्यू दिया था।
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