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विश्व स्तनपान अभियान को बढ़ावा देने को हुआ वेबिनार

कोरोना काल के बीच राज्य स्वास्थ समिति द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। नियमित स्तनपान कराने से बच्चों में निमोनिया व डायरिया जैसी गंभीर रोगों के होने की सम्भावना कम होती है तथा...

विश्व स्तनपान अभियान को बढ़ावा देने को हुआ वेबिनार
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायSat, 08 Aug 2020 08:35 PM
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कोरोना काल के बीच राज्य स्वास्थ समिति द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। नियमित स्तनपान कराने से बच्चों में निमोनिया व डायरिया जैसी गंभीर रोगों के होने की सम्भावना कम होती है तथा रोग—प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। स्तनपान अभियान को बढ़ावा देने तथा लक्ष्य हासिल करने के लिए तरह सजग एवं गंभीर है। इसको लेकर जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक ने संयुक्त रूप से वेबिनार के माध्यम से जिले के सभी पीएचसी प्रबंधक एवं बीसीएम को एक साथ प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई।

वर्ष 2030 तक 70% पूरा करने का है लक्ष्य

डॉ आत्मानंद राय ने बताया वर्ष 2025 तक 50% सफल बनाने एवं वर्ष 2030 तक 70% पार करने का लक्ष्य रखा गया है। हर हाल में लक्ष्य पूरा किया जाना है। इसको लेकर गांव—गांव अभियान चलाकर स्वास्थ टीम लोगों को जागरूक करेंगे।

शुरूआती स्तनपान से शिशुओं के रोग प्रतिरोधक क्षमता का होता है विकास

डॉ आत्मानंद राय ने बताया नवजात शिशुओं को जन्म लेने के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना जरूरी होता है। शिशु जन्म से पहले से ही प्राकृतिक रूप से स्तनपान करने में सक्षम होते हैं। इसलिए जन्म के शुरुआती 1 घण्टे के अंदर उन्हें स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से लोग ऐसा नहीं कराना चाहते जो बिल्कुल गलत है। शुरुआत के स्तनपान से ही शिशुओं के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसलिए इस संक्रमण के दौर में भी जरूरी साफ सफाई का ध्यान रखते हुए शिशु को पहले 1 घण्टे में स्तनपान जरूर कराना चाहिए।

नवजात का होता है सर्वांगीण विकास

जन्म लेने से 6 माह तक नवजात शिशुओं को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। यह नवजात के स्वस्थ शरीर का निर्माण के लिए भरपूर उर्जा है एवं इससे ही नवजात का सर्वांगीण विकास होता है। नियमित स्तनपान कराने से बच्चों में निमोनिया व डायरिया जैसी गम्भीर रोगों के होने की सम्भावना कम होती है। नियमित स्तनपान कराने से शिशुओं के बाल मृत्यु दर में भी कमी होती है। स्तनपान शिशुओं को श्वसन संक्रमण सम्बधी होने वाले खतरों से भी बचाव करने में सहायक होता है। इसलिए बच्चों को पहले 6 माह सिर्फ और सिर्फ मां का स्तनपान ही करना चाहिए।

गांव—गांव जाकर लोगों को जागरूक करेगी स्वास्थ्य टीम

निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए गांव-गांव जाकर स्वास्थ टीम नवजात की मां समेत पूरे परिवार को जागरूक करेंगे एवं स्तनपान से होने वाले लाभ की जानकारी देंगे। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान खासकर शिक्षित लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा।

महिलाओं को किया जा रहा है प्रोत्साहित

वर्तमान में भी पूरे जिले में विश्व स्तनपान सप्ताह अभियान कार्यक्रम का संचालन हो रहा है। जिसमें उक्त अभियान को बढ़ावा देने के पहली बार मां बने महिलाओं को कोविड़—19 के प्रोटोकाल के अनुसार भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। एवं कार्यक्रम में उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि अन्य महिलाओं भी जागरूक हो एवं उत्साह के साथ इसे अपनाएं।

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