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शहीद स्मारक पर नहीं बना चबूतरा और शेड

गणतंत्र दिवस की बैठक के दौरान शहीद द्वार के पास रहे शहीद स्मारक के दिन बहुरने की उम्मीद जगी थी। डीएम ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को शहीद स्मारक के चारो ओर चबुतरा बनाने एवं पीलर के सहारे ऊपर...

शहीद स्मारक पर नहीं बना चबूतरा और शेड
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायFri, 25 Jan 2019 11:40 PM
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गणतंत्र दिवस की बैठक के दौरान शहीद द्वार के पास रहे शहीद स्मारक के दिन बहुरने की उम्मीद जगी थी। डीएम ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को शहीद स्मारक के चारो ओर चबुतरा बनाने एवं पीलर के सहारे ऊपर में शेड लगाने का निर्देश दिया था। लेकिन डीएम का आदेश बैठक और संचिका तक ही सिमटी रही। नगर परिषद के द्वारा शहीद स्मारक के रख रखाव एवं साफ सफाई को लेकर किसी प्रकार का कार्य नहीं किया गया। शहीद स्मारक को संरक्षित तो नहीं किया जा सका लेकिन वहां लिट्टी एवं नास्ते की दुकान जरूर सजने लगी। शहीद स्मारक के आगे प्रतिदिन नास्ता एवं लिट्टी की दुकान लगाई जा रही है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में 13 अगस्त 1942 में अग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के दौरान लखीसराय स्टेशन के पास आठ नौजवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उन शहीदों की याद में मुख्य मार्ग पर रेलवे स्टेशन के पास शहीद द्वार बना है। लखीसराय स्टेशन के पास अंग्रेजों की गोलियों के शिकार हुए शहीदो में सदायबीघा के बैजनाथ सिंह, सलौनाचक के गुज्जु सिंह, सावनडीह के झरी सिंह, बड़हिया इंगलिश के जुल्मी महतो, बड़हिया इंदुपुर के बनारसी सिंह, बड़हिया के महादेव सिंह व पशुराम सिंह एवं महसोड़ा के दारो सिंह शामिल हैं। शहीद भवन बनाने का सपना संजाये कई स्वतंत्रता सेनानी दुनिया से चले गए।

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