बोले- धनवह मिडिल स्कूल को नहीं मिला हाई स्कूल की दर्जा
बोले लखीसराय - विक्की कुमार, छात्र। विक्की कुमार, छात्र। विक्की कुमार, छात्र। विक्की कुमार, छात्र। विक्की कुमार, छात्र। विक्की कुमार, छात्र।

चानन, निज संवाददाता। गांव में हाई स्कूल था नहीं, आठ किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, ऐसे में आठवीं के बाद अधिकांश लड़कियां पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर थी। हाई स्कूल के लिए जमीन चाहिए थी। ग्रामीणों ने सात साल पहले चंदा कर जमीन खरीदी, फिर शिक्षा विभाग को दान किया, बावजूद अब तक हाईस्कूल का दर्जा नहीं मिल सका। दरअसल, धनवह गांव के लोगों ने यह नजीर पेश किया। लेकिन हाई स्कूल का दर्जा नहीं मिलने से गांव वालों को अब भी मलाल है। हाई स्कूल को लेकर स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को अवगत कराया गया है।
गांव में प्रारंभिक स्तर की शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। गांव में मिडिल स्कूल है, जहां आठवीं तक पढ़ाई होती है। हाईस्कूल की शिक्षा के लिए आठ किलोमीटर दूर मननपुर हाई स्कूल आना पड़ता है। ग्रामीणों की इच्छा थी कि यहां की बेटियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर गांव का नाम रोशन करें। ग्रामीणों में उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता भी है, यही वजह था कि सात साल पहले लगातार सात वर्षों तक चंदा कर मध्य विद्यालय परिसर के पास ही 28 डिसमिल जमीन खरीदी। जमीन खरीदने के बाद शिक्षा विभाग के नाम जमीन रजिस्ट्री की गई, परन्तु नतीजा सिफर रहा। पढ़ेंगी बेटियां, तभी तो बढ़ेंगी: धनवह गांव की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना अब भी टेढ़ी खीर बनी हुई है। गांव से 8-10 किलोमीटर की दूरी पर मननपुर हाई स्कूल है। दूसरा पंचायत के जानकीडीह बेलदरिया में हाई स्कूल है। लेकिन वहां जाना यहां की लड़कियां पसंद नहीं करती है। इसके पास उच्च शिक्षा के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है। लड़के तो किसी तरह से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं। लेकिन लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है। आने वाले सालों में अपना हाई स्कूल होगा, गांव की बेटियां इसी उम्मीद में अब तक जी रही है। हाई स्कूल नहीं रहने से उच्च शिक्षा पाकर उड़ान भरने का सपना अधूरा रह जाता है। हाई स्कूल को लेकर ग्रामीण कर रहे संघर्ष: मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में परिणत करने को लेकर ग्रामीणों द्वारा संघर्ष किया जा रहा है। गांव में हाई स्कूल होने से लड़कियों को सहूलियत होती। हाई स्कूल नहीं रहने से यहां की अधिकांष लड़कियों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल, पोशाक, छात्रवृति सहित अन्य योजनाएं चला रही है। लेकिन हाई स्कूल नहीं रहने से छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। धनवह के ग्रामीणों द्वारा केन्द्रीय मंत्री सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को धनवह गांव में नौ सितंबर 2024 को मिडिल स्कूल को अपग्रेड कर हाईस्कूल का दर्जा दिलाने की मांग की गई थी लेकिन अबतक सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहा है। - प्रस्तुति: प्रकाश मंडल। बोले जिम्मेदार: पंचायत में एक हाई स्कूल संचालित हो रहे है, दूसरा हाई स्कूल के लिए कुछ विभागीय पेंच है, जिस वजह से धनवह मिडिल स्कूल हाई स्कूल में परिणत नहीं हो पा रहे है। - प्रिया कुमारी, प्रभारी बीईओ सह चानन बीडीओ। मिडिल स्कूल धनवह को हाई स्कूल में अपग्रेड करने को लेकर कई बार विभागीय अधिकारी को अवगत कराया गया है। धनवह स्कूल को अगर हाई स्कूल में अपग्रेड करवा दिया जाए, तो यहां के छात्र-छात्राओं को इंटर तक की पढ़ाई में दिक्कत नहीं होगी।- विकास पासवान, स्कूल प्रधान। धनवह मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में परिणत कराने को लेकर कई बार पंचायत समिति की बैठक में प्रस्ताव लेकर विभागीय अधिकारी को भेजा गया है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के लिए मननपुर बाजार या फिर पंचायत के जानकीडीह बेलदरिया जाना पड़ता है।- धुरों देवी, मुखिया। मध्य विद्यालय के पास ही हाईस्कूल खोलने के लिए पर्याप्त जमीन है। हाईस्कूल का दर्जा मिले इसके लिए सालों से प्रयास किया जा रहा है। लेकिन लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिला है। - सनोज कुमार, ग्रामीण। हाई स्कूल नहीं रहने से लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है। आने वाले सालों में अपना हाई स्कूल होगा। गांव की बेटियां इसी उम्मीद में अब तक जी रही है। हाई स्कूल नहीं रहने से उच्च शिक्षा पाकर उड़ान भरने का सपना अधूरा रह जाता है। - विपीन यादव, उपमुखिया। हाई स्कूल निर्माण को लेकर 5-7 साल पहले चंदा कर जमीन खरीदा गया। लेकिन राजनीतिक उठापटक के कारण हाई स्कूल नहीं बन सका। नतीजन बच्चियों को उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है।- राजेन्द्र राय, अमीन। गांव में हाई स्कूल नहीं रहने से लड़कियों की शिक्षा अधूरी रह जाती है। लड़कियों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए गांव में हाई स्कूल का होना जरूरी है। राजनेता को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। - कारी देवी, गृहणी। शिक्षा की अलख जगाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन हाई स्कूल नहीं रहने से बेटियों के सपने दफन हो रहे है। हाई स्कूल को लेकर सभी को सोचने की जरूरत है। - जितेन्द्र पासवान, समाजसेवी। ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन धनवह में हाई स्कूल नहीं बनने से अधिकांश छात्राएं मिडिल स्कूल की पढ़ाई के बाद उच्च षिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती है। दूर स्कूल रहने से चौका चूल्हा में सिमट कर रह जाती है। - विकास पासवान, स्थानीय निवासी। पंचायत में एक हाई स्कूल बना हुआ है,लेकिन भौगलिक स्थिति ठीक नहीं रहने से धनवह की छात्राएं वहां पढ़ने नहीं जा पाती है। ऐसे में धनवह मिडिल स्कूल को अपग्रेड कर हाई स्कूल बनाने की जरूरत है। गांव में हाई स्कूल रहने पर यहां की छात्राएं भी उच्च शिक्षा पा सकती है। - मिथिलेश यादव, पैक्स अध्यक्ष। गांव में हाई स्कूल नहीं रहने से पढ़ाई के लिए घर से 05-07 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। साथ ही कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जो बालिकाओं के लिए ठीक नहीं है। - रीता देवी,गृहणी। गांव में हाई स्कूल नहीं रहने से बेटियों को शिक्षा देना काफी मुश्किल होता है। उच्च शिक्षा के लिए गांव से 07 किलोमीटर दूर मननपुर जाना पड़ता है। या फिर पढ़ाई छोड़ कर घर में चौका बर्तण करने लगती है। - रोहित कुमार, ग्रामीण। उच्च शिक्षा को लेकर ग्रामीणों द्वारा किया प्रयास भी कारगर नहीं हो सका है। नतीजन यहां की बेटियों को उच्च शिक्षा देना अभिभावक के लिए चुनौती बना हुआ है। - विक्की कुमार, छात्र।
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