लखीसराय : शहादत के 81 वर्ष बाद शहीद स्थल के सौंदर्यीकरण का प्रयास तेज
लखीसराय में शहीद द्वार के सामने शहीद स्थल का सौंदर्यीकरण शुरू हो चुका है। डीएम मिथिलेश मिश्र की पहल पर इस ऐतिहासिक स्थल पर नई सुविधाएं जैसे सीढ़ी, छतदार चबूतरा, पेयजल और रौशनी का निर्माण किया जाएगा।...
लखीसराय, एक प्रतिनिधि। शहादत के 81 वर्षों बाद लखीसराय शहर के हृदय स्थल शहीद द्वार के सामने स्थित शहीद स्थल के दिन बहुरने वाले हैं। उक्त ऐतिहासिक स्थल के सौंदर्यीकरण की कोशिश डीएम मिथिलेश मिश्र की पहल से शुरू हो चुकी है। नगर परिषद के नक्सा बनाने वाले इंजीनियर दिलखुश कुमार, सिटी डेवलपमेंट ऑफिसर पवन कुमार द्वारा मापी के साथ कागजात बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुकी है। अपनी माटी के उस लाल की स्मृति में जीर्ण शीर्ण पड़े शहीद स्मारक के विकास का बीड़ा डीएम ने उठा लिया है। इस ऐतिहासिक स्थल पर आकर्षक स्मारक बनाकर उसकी चाहरदीवारी की जाएगी। यहां 13 अगस्त 1942 को अंग्रेजो ने देया के आठ निहत्थे वीर सपूतों देशभक्तों को गोलियों से भून दिया था। शहीद स्मारक निर्माण स्थल पर सीढ़ी व छतदार चबूतरा का निर्माण करने, आवागमन को सड़क, सीढ़ी, शुद्ध पेयजल, रौशनी एवं सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया जायेगा। ज्ञात हो की शहर के हृदय स्थली शहीद द्वार के पास शहीदों का मजार यानि शहीद स्मारक है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लखीसराय रेलवे स्टेशन के पास 13 अगस्त 1942 को शहीद हुए जिले के आठ वीर सपूतों के याद में स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आपसी सहयोग से शहीद स्थल पर स्मारक का शिलापट्ट लगाया गया। शिलापट्ट में सभी आठ वीर शहीदों का नाम अंकित करते हुए किऊल नदी की ओर सड़क से पूरब दिशा में शहीद स्थल पर स्मारक बनाने के लिए स्मारक का शिलापट्ट लगाया गया है।
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