संपर्क सड़क और नाला के निर्माण नहीं होने से परेशानी
सूर्यगढ़ा के वार्ड 24 में संपर्क सड़कों और नालों का निर्माण न होने से लोग परेशान हैं। यहां की आबादी बढ़ रही है, लेकिन विकास कार्य अधूरे हैं। सार्वजनिक चापाकलों की कमी और जल निकासी की समस्याओं के कारण...
प्रस्तुति : राजेन्द्र राज, सूर्यगढ़ा। नगर परिषद के प्रमुख वार्ड 24 में लोगों को संपर्क सड़कों के पक्कीकरण और नाला निर्माण का कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़… वार्ड संख्या 24 में संपर्क सड़क और नाला के निर्माण नहीं होने से परेशानी वार्ड 24 को सबसे बड़ा वार्ड बताया जा रहा है। एनएच 80 से जुड़े संपर्क सड़क पर सड़क और नाला के अधूरा रहने की शिकायत वार्ड में संपर्क सड़कों का पक्कीकरण नहीं विभिन्न मोहल्ले में नाला का निर्माण नहीं होने से कठिनाई दो हजार मतदाताओं की संख्या बताई जा रही सार्वजनिक चापाकल की संख्या नगण्य बताई जा रही अभी भी कुआं के जल का उपयोग पीने तथा स्नान करने में किया जाता कई घरों में नल जल योजना का पानी नहीं जाता पाइप नहीं बिछाया गया आधी अधूरी है संपर्क सड़क पोल पर बिजली के बल्ब की संख्या कम वार्ड में जहां तहां गंदगी भी देखी जाती एनएच 80 से जुड़ी हैं संपर्क सड़कें नगर परिषद के प्रमुख वार्ड 24 में लोगों को संपर्क सड़कों के पक्कीकरण और नाला निर्माण का कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह वार्ड क्षेत्रफल और आबादी की दृष्टि से बड़ा माना जाता है। मतदाताओं की संख्या करीब दो हजार बताई जाती है।
सूर्यगढ़ा के पीछे भी यह मोहल्ला है, जिसकी आबादी घनी है। इस तरफ बगीचा और खेत का भी भाग पड़ता है। इस कारण से नए बसने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। एक संपर्क संपर्क सड़क पोस्ट आफिस के सामने से पश्चिम की ओर जाती है। दूसरी संपर्क सड़क एनएच 80 के सामने साकेत धाम से होकर चंद्रवंशी टोला तथा अन्य प्रखंड कार्यालय के पीछे जाती है। प्रखंड कार्यालय के बाद एनएच 80 के पश्चिमी दिशा में यह नीरपुर के कुछ भाग एवं गरखे नदी तक चला जाता है। पहले की अपेक्षा बगीचे और खेत में लोगों का रहना जारी है। वार्ड वालों ने बताया कि बड़ा होने के बाद भी अभी तक इसका नाम मात्र का विकास हुआ है।
पूर्व में पंचायती राज व्यवस्था में यह जकड़पुरा पंचायत में था। नल-जल योजना में कुछ जगहों पर पाइप ही नहीं बिछाया गया। टंकी से निकट के लोग फायदा उठाते हैं। नीरपुर के हिस्से में पानी के नहीं पहुंचने की बात की गई। यह वार्ड इसलिए मुख्य माना जाता है कि यह थाना कार्यालय के पीछे है। साकेत धाम थाना ठाकुरवाड़ी से संपर्क सड़क जाती है। प्रायः संपर्क सड़कों के किनारे दुकानें तथा सरकारी व प्राइवेट स्कूल आदि हैं। इनके अलावा सलेमपुर और भवानीपुर संपर्क सड़क से भी यह आगे चलकर जुड़ती है। ऐसी कई संपर्क सड़कें ,जिसका पक्कीकरण नहीं किया जा सका है। कुछ में कच्ची मिट्टी पर मार्ग बने हुए हैं। बरसात के दिनों में यहां बहुत परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि कई जगह मोड़ हैं और वहां पक्कीकरण नहीं किया गया है। इस वार्ड में सभी वर्गों के लोग रहते हैं। महादलित के अलावा अन्य पिछड़ी तथा सभी जातियों के लोग निवास करते हैं।
पंचायती राज व्यवस्था में विकास नहीं होने पर लोगों में नगर परिषद के गठन होने से विकास की उम्मीद जागी थी। अभी तक महज पोस्ट आफिस के सामने संपर्क सड़क पर नाला सह आरसीसी रोड ही बनाया जा सका। यह भी अधूरी ही बताई जा रही। कुछ दूरी के बाद सड़क को दाएं-बाएं छोड़ दी गई और नाला भी निर्धारित स्थान तक नहीं बन सका। करीब 24 लाख की योजना से इसका निर्माण किया गया था और अधूरा रहने पर लोगों में क्षोभ है। नाला में भी टूट फूट की शिकायत की जा रही है। विभागीय जेई और संवेदक की शिकायत की जा रही है। इस संपर्क सड़क समेत अन्य स्थानों पर कचरे के जमा होने एवं ठीक से सफाई नहीं करने की शिकायत की गई। लोगों ने बताया कि इस वार्ड में दो ही मुख्य समस्याएं हैं। संपर्क सड़क, गली के निर्माण तथा नाला के बनाने की। नाला नहीं होने से संपर्क सड़क पर ही कई घरों का पानी बहता है। इससे बरसात और अन्य मौसम में बड़ी कठिनाई होती है। कई संपर्क सड़क के आगे पक्कीकरण नहीं किया गया है।
लोगों का कहना है कि सार्वजनिक चापाकलों की संख्या नगण्य है। इस रास्ते से कई यात्री आते जाते हैं। अपने घरों में लोग चापाकल बैठाए हुए हैं। अभी भी कम आय वाले कुएं के पानी का उपयोग करते हैं और इसी से पानी प्राप्त करते हैं। कुओं की संख्या अधिक देखी गई। इन कुओं की सफाई आदि की व्यवस्था नहीं की जाती है। कुओं पर शेड भी नहीं है। इससे धूलकण और तिनके पड़ते रहते हैं। आगे के महादलित टोला के लोगों को अब भी संपर्क सड़क नहीं बनने की शिकायत है और वहां पानी का जमाव हो जाता है। एक योजना के बाद कोई अन्य योजना की शुरूआत नहीं की गई। लोगों का मानना है कि वे सिर्फ नगर परिषद में नाम के लिए आ गए, शहरी करण का कोई कार्य तो किया ही नहीं जा रहा है। स्व. रामजीवन अग्रवाल के बगीचे तक भी पक्की संपर्क सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका। इस कारण से कठिनाई झेलनी पड़ती है। नगर परिषद के द्वारा जो बल्ब दिए गए,उसमें कम संख्या बताई जा रही है। एक मुहल्ले में तो एक पोल के बाद पांचवे पोल पर बल्ब है। बल्ब की संख्या बढ़ाने की मांग की गई। रात में बहुत परेशानी होती है। अब तक विकास कार्य में तेजी नहीं होने से वार्ड मेंबर की शिकायत की जा रही है। वार्ड मेंबर समेत अन्य जन प्रतिनिधियों के द्वारा उपेक्षा बरतने की शिकायत की जा रही है।
आम तौर पर लोग नौकरी, मजदूरी, खेती और अन्य कार्यों से जुड़े हुए हैं। दुकानदारी का भी कार्य करते हैं। स्थानीय बाजार में भी दुकानदारी या अन्य कार्यों के लिए जाते हैं। शिक्षित लोगों की संख्या भी अधिक है। कई महिलाओं ने स्वरोजगार की मांग की । उनका समय बेकार चला जाता है। सिलाई प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था होती तो उनके लिए अच्छा होता। पंचायती राज व्यवस्था में मोहल्ले की दो-चार महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया था। एक और कम से कम प्राइमरी स्कूल खोलने की मांग की गई। इतने बड़े क्षेत्र में मात्र एक आंगनवाड़ी है और इनकी संख्या में वृद्धि जरूरी है।नगर परिषद को अपने उद्देश्य के अनुरूप कार्य में वृद्धि करना चाहिए। लोगों निराश हो रहे हैं। तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।
लेागों ने कहा
01. वैसे वे इस वार्ड के निवासी नहीं हैं,लेकिन इसी रास्ते से उनका आना जाना होता है। सब जगह तो एक ही दशा है। काध काम से अधिक कहां कोई काम दिखाई पड़ता है। नगर परिषद अधिकारियों को विकास का कार्य करना चाहिए। वार्ड मेंबर के तत्पर रहने की जरूरत है। कार्य नहीं होने पर वार्ड पार्षद की बदनामी होगी।
कृष्णनंदन मंडल
02. यह वार्ड जैसा नहीं लगता है बल्कि देहात जैसा मालूम पड़ता है। इतना समय बीत गया है और कोई काम देखने को नहीं मिलता है। एक नाला और सड़क का निर्माण भी हुआ तो वह भी आधा अधूरा है। वार्ड प्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं देते हैं। उनलोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बहुत कठिनाई होती है।
मुकेश कुमार
03. वे लोग उपेक्षा का अनुभव करते हैं। इससे भला तो वे लोग जकड़पुरा पंचायत में थे। कुछ काम भी देखने को मिलता था। मुखिया, सरपंच वार्ड मेंबर आदि क्षेत्र में देखे भी जाते थे। एक बार नाला का उद्घाटन हो गया और कोई देखने वाला भी नहीं है। कुछ भाग को छोड़ दिया गया है। अमन कुमार
04. यह एक प्रमुख वार्ड है। यहां का क्षेत्रफल बड़ा है। इसकी आबादी भी बहुत ज्यादा है। इसका तो और भी विकास होना चाहिए। विकास के नाम पर महज एक नाला बना। अधूरी सड़क बनाई गई। इसके बाद तो कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। लोगों में निराशा है।
हरिओम कुमार
05. आधा अधूरा संपर्क सड़क है। आधी पक्की और आधी कच्ची है। उनलोगों की ओर तो संपर्क सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। आबादी का विस्तार हो रहा है। बल्ब भी पूरा नहीं लगा है। कई जगहों पर सड़क निर्माण की आवश्यकता है। इसका निर्माण अवश्य होना चाहिए। इसके बाद ही यह शहर जैसा लगेगा।
सुजीत कुमार
06. वोट लेने के बाद लोग भूल जाते हैं। एक बार भी समस्या की जानकारी नहीं लेते हैं। उनके घर के पास तो नल जल का पाइप भी नहीं बिछा हुआ है। वे खुद भी कुएं से पानी लाती हैं। पेयजल के लिए समस्या झेलनी पड़ती है। नल जल के पाइप को यहां तक नहीं लाया गया और अधूरा ही छोड़ दिया गया। इससे परेशानी है।
मंजु देवी
07. पानी के लिए कुआं ही सहारा है। वार्ड मेंबर के घर के पास टंकी दिया गया। नगर परिषद में इस दिशा में काई कार्य नहीं किया गया। नल भी नहीं दिया गया। यहां के लोगों को बहुंत परेशानी होती है। उनकी परेशानी को देखने वालो कोई नहीं है।
सुनैना देवी
08. महिलाओं के लिए कोई उद्योग धंधा शुरू नहीं किया गया है। वे लोग घर के काम के बाद बैठी रहती हैं। कम से कम सिलाई सेंटर खोला जाता तो यहां की बहू बेटियों को बहुत फायदा होता। वे स्वाबलंबी बनती और उन्हें आमदनी भी होती। घर चलाने में सुविधा भी होती।
संतोषी देवी
09. यहां की मुख्य समस्या रोड का नहीं बनना है। हर जगह अधूरी सड़क बनी हुई है। वर्षात के दिनो में बहुत कठिनाई होती है। नाला का निर्माण होना चाहिए। पानी निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। घर का पानी सड़क पर ही आता है। बरसात में बहुत अधिक कठिनाई होती है। कई जगहों पर जल जमाव हो जाता है।
रामो साव
10. उनका वार्ड सबसे पिछड़ा हुआ है। कोई विकास का कार्य नहीं किया गया है। नगर परिषद बन जाने का कोई फायदा नहीं मिला। पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। अगर नाला होता तो यह समस्या नहीं झेलनी पड़ती। सबसे जरूरी है नाला का निर्माण होना। वार्ड में कई गलियां हैं और इनका पक्कीकरण आवश्यक है।
नंदलाल कुमार
11. उनकी नजर में इस वार्ड में दो ही मुख्य समस्या है। पहली सड़क का निर्माण होना चाहिए। जैसा शहरों में देखने को मिलता है वैसी सड़क होनी चाहिए। यहां तो कई आधी अधूरी सड़क है। मोड़ का पक्कीकरण होना चाहिए। नाला का निर्माण बहुत जरूरी है। बरसात में जल जमाव हो जाता है। एक जगह नाला भी बना तो अधूरी ही।
दिलीप वर्मा
12. वार्ड के विकास के लिए सड़कों और नालों का प्रस्ताव दिया जा चुका है। टेंडर भी हो गया है। जल्द ही सड़क और नाला निर्माण का कार्य किया जाएगा। वे दूसरी योजना से भी वार्ड में सड़क निर्माण करने के लिए इच्छुक हैं। इसके लिए प्रयास चल रहा है। अधूरे नाला सह संपर्क सड़क की शिकायत की गई है।
ज्योति कुमारी
पार्षद, वार्ड संख्या 24
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