अत्याधुनिक इलाज स्थानीय स्तर तक पहुंचाना पहली प्राथमिकता
लखीसराय। शहर के पुरानी बाजार स्थित संगम बैंक्विट हॉल के सभागार में रविवार को...

लखीसराय। शहर के पुरानी बाजार स्थित संगम बैंक्विट हॉल के सभागार में रविवार को बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के बैनर तले आउट रीच प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के सभी बड़े अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ के अलावे स्थानीय आईएमए से जुड़े चिकित्सक शामिल हुए। उद्घाटन बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, सचिव डॉ. प्रवीण कुमार साहू, डॉ. रंजीत कुमार सिंह, आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा, डा. अशोक कुमार सिंह, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. आलोक कुमार, डॉ. ऋषिता और वरिष्ठ ऑर्थो चिकित्सक डॉ. अतुल्य कुमार सिंह ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
आयोजन सचिव डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि हड्डी रोग से अत्याधुनिक इलाज की सुविधा जिला और प्रखंड स्तर तक पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के बड़े निजी एवं सरकारी अस्पताल अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ का स्थानीय चिकित्सक से इलाज को लेकर अनुभव साझा करना है। ताकि स्थानीय स्तर पर हड्डी रोग से जुड़े चिकित्सक मरीजों को कम खर्च एवं परेशानी रहित बेहतर इलाज उपलब्ध करा सके। उन्होंने बताया कि हड्डी रोग से जुड़े इलाज को जिला व ग्रामीण स्तर तक सुगमता के साथ पहुंचने के उद्देश्य से बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने आउटरीच प्रोग्राम करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि एक दिवसीय आउट रिच प्रोग्राम में राज्य के लगभग सभी 38 जिलों के हड्डी रोग विशेषज्ञ और स्थानीय आईएमएस से जुड़े विभिन्न रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान हमें मरीज के साथ मानवता का भी संबंध स्थापित करना चाहिए। उन्होंने दुर्घटना और हादसा में लोगों को पीड़ित व्यक्ति को मानवता के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए स्थानीय अस्पताल पहुंचने का आह्वान किया। कहा कि यह सभी के हित में कारगर साबित होगा। आपके प्रयास से यदि किसी की जान बचती है तो मानवता के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
डॉ. आलोक ने बताया कि कार्यक्रम में पीएमसीएच, पारस, आईजीएमएस, एम्स पटना, बिग अपोलो और मेडीवर्सल सहित प्रमुख निजी और सरकारी अस्पताल के ऑर्थो चिकित्सक ने स्थानीय चिकित्सक से इलाज से संबंधित अपने अनुभव भी साझा किए और नई तकनीक को लेकर चिकित्सकों के बीच विचार-विमर्श भी हुआ। मौके पर डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. निशांत निराला, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. अंनत शंकर, डॉ. कंचन, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. सुरेश शरण, डॉ. रितेश रुनु, डॉ. रमित गुंजन, डॉ. गौतम कुमार, डॉ. राजीव आनंद और डॉ. संगीता राय सहित अन्य चिकिसक मौजूद थे।
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