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लखीसरायवासियों को रेल पुल की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किऊल-लखीसराय रेल पुल, एनआई वर्क सहित अन्य परियोजनाओं का औपचारिक उद्घाटन किया। तकरीबन 286 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन...

लखीसरायवासियों को रेल पुल की सौगात
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायFri, 18 Sep 2020 11:44 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किऊल-लखीसराय रेल पुल, एनआई वर्क सहित अन्य परियोजनाओं का औपचारिक उद्घाटन किया। तकरीबन 286 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है। उद्घाटन के बाद पीएम ने अपने 40 मिनट के संबोधन में किऊल व लखीसराय स्टेशन में हुए रेलवे के कार्यों से मिलने वाले फायदों का भी जिक्र किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किऊल रेल पुल और एनआई कार्य के पूरा होने से पटना—झाझा मेन रेललाइन और पटना-भागलपुर रूट पर चलने वाली ट्रेनों को गति मिलेगी। इस रूट पर अब 120 किलोमीटर से अधिक स्पीट से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। उन्होंने कहा कि एनआई कार्य के पूरा होने से अब यात्रियों को ट्रेन के लिए अधिक समय तक इतजार नहीं करना पड़ेगा। अब ट्रेन को आउटर सिग्नल पर नहीं रोकना होगा।

पुल निर्माण में लगे दस साल : नये पुल का निर्माण पूरा होने में एक दशक लग गया। पुल निर्माण कार्य साल 2010 में शुरू हुआ था। पुल के निर्माण पूरा होने के बाद इसी साल के आठ मई को पुल का ट्रायल लिया गया और ट्रायल के दो दिन बाद 10 मई से अधिकारिक रूप से ट्रेन का परिचालन भी इस पुल पर शुरू कर दिया गया। शुरुआत के पहले दिन अप लाइन को शुरू किया गया था। इसके अगले दिन से डाउन लाइन को शुरू किया गया। इसके साथ ही पुराने पुल के परिलचान को बंद किया गया।

एनआई से रेल को मिलेगी गति : अपने अभिभाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि किऊल स्टेशन पर 160 साल पुराने लीवर सिस्टम की जगह पर अब नये आधुनिक सिस्टम लगाये गए हैं। इससे रेल को गति मिलेगी। आरआरआई एक अधुनिक सिग्नल सिस्टम है। इसमें लीवर के स्थान पर सिग्नल को कंप्यूटर के द्वारा मैनेज किया जाता है। इसमे सिग्नल चेंज करने में पांच से दस सेकेंड का समय लगता है। जिससे समय की काफी बचत होती है। ट्रेन को आउटर सिग्नल पर अधिक समय तक नहीं रूकना होगा।

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