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सुलतानगंज-अभयपुर के बाद से ट्रेनों में हॉकरों का दिखना बंद हो गया

लखीसराय व किऊल स्टेशनों पर अवैध हॉकरों पर लगातार हुई कार्रवाई के बाद स्टेशन परिसर साफ हो गया है। लेकिन अब आम यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है। यात्रियों को खाने-पीने के सामान अब ट्रेनों में नहीं मिल रहे...

सुलतानगंज-अभयपुर के बाद से ट्रेनों में हॉकरों का दिखना बंद हो गया
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायTue, 04 Jun 2019 11:39 PM
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लखीसराय व किऊल स्टेशनों पर अवैध हॉकरों पर लगातार हुई कार्रवाई के बाद स्टेशन परिसर साफ हो गया है। लेकिन अब आम यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है। यात्रियों को खाने-पीने के सामान अब ट्रेनों में नहीं मिल रहे हैं। स्टेशन पर एक से दो की संख्या में हॉकर किसी तरह चोरी छिपे खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। इस एवज में हॉकर सामनों की निर्धारित शुल्क से अधिक की वसूली कर रहे हैं। दरअसल, हॉकरों द्वारा लगातार की जा रही मनमानी को देखते हुए रेलवे ने अवैध हॉकरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की है। ऐसे में स्टेशनों पर करीब 50 से 100 की संख्या में दिखने वाले हॉकरों की संख्या अब महज खोजने पर भी एक से दो नहीं मिलेगी। सुलतानगंज-अभयपुर के बाद से ट्रेनों में हॉकरों का दिखना बंद हो गया है। एक दो हॉकर कम भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर चढ़ते हैं और फिर वापस इसी तरह के स्टेशनों पर उतर जाते हैं। पानी को लेकर बढ़ी परेशानी: एक तरफ स्टेशनों पर पानी की किल्लत ऊपर से भीषण गर्मी में सफर में पानी ही लोगों का साथ दे रहा है। ट्रेनों पर खासकर लोग खाने के सामान खरीदे या फिर नहीं, लेकिन प्यास बुझाने के लिए पानी जरूर खरीदते हैं। पहले जब हॉकरों की भरमार हुआ करती थी, तो दस रुपए में भी पानी लेने से लोग हिचकते थे। वहीं अब लोग किसी तरह प्रयासरत होते हैं कि 20 रुपए तक भी उन्हें पानी की बोतलें मिल जाए। पेंट्रीकार की व्यवस्था नहीं: सभी ट्रेनों पर पेंट्रीकार की व्यवस्था नहीं है। पेंट्रीकार अमूमन सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों में देखे जाते हैं। ऐसे में एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले रेलयात्रियों की मुसीबतें बढ़ गई है। इन ट्रेनों में खाने के सामान नहीं मिलने से यात्री परेशान हैं। वहीं स्टेशनों पर कम समय तक ट्रेनों के ठहराव होने से लोग स्टेशन पर खोले गए फूड प्लाजा से खाने के सामान खरीदने से कतराते हैं। स्टेशनों पर नहीं दिख रही गंदगी: अवैध हॉकरों पर नकेल कसे जाने के बाद खासकर स्टेशनों की सफाई व्यवस्था सुधरी है। अमूमन हॉकर सामान बेचने के साथ ही स्टेशनों पर गंदगी भी फैलाते थे। वहीं जिस तरह यात्रियों को सामान उपलब्ध कराए जाते थे, उससे ट्रेनों व स्टेशनों पर गंदगी फैलता था। इसके साथ ही भोजन की अशुद्धि को लेकर भी लोग परेशान थे। ऐसे में लोग स्टेशनों पर खोले गए फूड प्लाजा से शुद्ध भोजन का लाभ ले सकेंगे।

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