लखीसराय | हिन्दुस्तान संवाददाता
बीते एक साल शिक्षा विभाग वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार, पदाधिकारियों के बीच अहम की लड़ाई एवं नियोजन फर्जीवाड़ा को लेकर सुर्खियों में बना रहा। पूरे साल पदाधिकारियों से लेकर शिक्षकों के बीच आपस में शह मात का खेल चलता रहा। कभी पदाधिकारी एक दूसरे को नीचा दिखाने तो कभी शिक्षक संघ की मदद से लड़ाई लड़ने का खेल खेलते रहे।
साल का अंत भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा स्थापना शाखा को इटौन के फर्जी शिक्षक नियोजन एवं विलोपित रोस्टर बिन्दु पर हुए नियोजन को लेकर जारी किए गए पत्र के साथ हुआ। डीईओ ने स्थापना डीपीओ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पत्र जारी कर एक तरह से फर्जी नियोजन एवं वित्तीय भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का लगभग आरोप लगाकर पत्र जारी किया गया।
चानन प्रखंड के इटौन पंचायत में वर्ष 2008 की रिक्ति के विरूद्ध बहाल हुए पांच नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्ति को लेकर डीपीओ स्थापना से जांच रिपोर्ट मांगा गया था। डीपीओ द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद जिले में लगभग 174 शिक्षकों की सेवा जानी तय माना जा रहा है। डीपीओ द्वारा डीएम के जिस पत्र का हवाला दिया गया है डीइओ ने उसी में डीपीओ को घेरने का प्रयास किया है।