सफाई पर ध्यान दें, तो कम होगा चिकन पॉक्स का खतरा
कुपोषण एवं बीमारियों से बचाव को लेकर महेशलेटा पंचायत अन्तर्गत स्वास्थ्य उपकेन्द्र बिछवे में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर कंुमारी संगीता की अध्यक्षता में सेविका, आशा व एएनएम की बैठक सोमवार को हुई। बैठक में...
कुपोषण एवं बीमारियों से बचाव को लेकर महेशलेटा पंचायत अन्तर्गत स्वास्थ्य उपकेन्द्र बिछवे में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर कंुमारी संगीता की अध्यक्षता में सेविका, आशा व एएनएम की बैठक सोमवार को हुई। बैठक में सर्दी, खांसी, जुकाम, निमोनिया, दस्त एवं चिकन पॉक्स के बारे में जाकारी दी गई। सुपरवाइजर कंुमारी संगीता ने कहा कि गर्मी के मौसम में चिकन पॉक्स जैसे बीमारी पनप जाते है। इस मौसम में खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में एएनएम शांति कुमारी, सरिता कुमारी के अलावा सेविका आशा कुमारी, अनिता कुमारी, शांति कुमारी, बबिता कुमारी, रेणु कुमारी, बबिता कुमारी सहित सभी आशा उपस्थित थे।
सफाई पर ध्यान देने की जरूरत
गर्मी के मौसम में लोगों का साफ -सफाई में रहने की जरूरत है, ताकी चिकन पॉक्स पैदा करने वाले बेरीसेला जोस्टर नाम के वायरस से बचा जा सकें। उन्होंने कहा कि कपड़ा साफ रखे, शरीर साफ रखें, बिछावन साफ रखें तो इस बीमारी का खतरा 90 प्रतिशत कम हो जाता है। इसके अलावा बच्चों के लिए टीकाकरण भी कराया जाता है। इससे भी काफी हद तक बच्चों को राहत मिलती है। इसमें होम्योपैथ में भी दवा आती है।
लक्षण व बचाव के उपाय
चिकन पॉक्स में सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, कमजोरी होती है। साथ ही त्वचा पर लाल -लाल फुसियां उभरने लगते है। इससे बचाव का सबसे बड़ा उपाय है कि खाने में ठंडी चीजों का अधिक सेवन करें, तैलीय चीज से खाने से बचे, सहजन का इस्तेमाल करने से भी चिकन पॉक्स का खतरा कम हो जाता है। नीम की पत्ती को पीस कर पीने से इसका खतरा कम होता है, घर में बच्चें जहां सोते है वहां पर नीम के पत्ते को रखा करें, नीम के पत्तियों से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।