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बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार से गरमाया माहौल

प्रथम चरण के अंतर्गत 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान में अब मात्र 10 दिनों का समय बचा हुआ है। चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक के द्वारा मतदाताओं को साधने का प्रयास शुरू हो गया है। बड़े नेताओं के सभाओं...

बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार से गरमाया माहौल
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायSun, 18 Oct 2020 11:15 PM
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प्रथम चरण के अंतर्गत 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान में अब मात्र 10 दिनों का समय बचा हुआ है। चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक के द्वारा मतदाताओं को साधने का प्रयास शुरू हो गया है। बड़े नेताओं के सभाओं में लोगों की जबर्दस्त भीड़ जुट रही है। बडत्रे नेताओं की सभा में जुटने वाले भीड़ मतदान के दिन वोट में कितना तब्दील हो पाती है यह आने वाला समय ही बता पाएगा। नेताओं की सभा में जुटने वाली भीड़ को देखकर नेताओं के विधानसभा पहुंचने के हौसले का पंख लग रहा है लेकिन एक ही प्रत्याशी को विधानसभा की चैखट तक पहुंचना होगा। नेताओं की सभा से लौटने के बाद चुनाव प्रचार में जा रहे नेताओं को मतदाताओं की खामोशी का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं के काफी प्रयास के बाद भी मतदाताओं की खामोशी नहीं टूट रही है। मतदाताओं की खामोशी को देखकर प्रत्याशी परेशान हो रहे है।

नेताओं के भरोसे चुनाव साधने की तैयारी

सभी गठबंधन के प्रत्याशी अपने दलों के बड़े नेताओं के भरोसे चुनाव साधने का प्रयास कर रहे है। एनडीए से सीएम नीतीश कुमार, सांसद ललन सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चैधरी की संयुक्त सभाएं सूर्यगढ़ा विधानसभा में हो चुका है। वहीं महागठबंधन से तेजस्वी यादव की सभाएं भी सूर्यगढ़ा विधानसभा के चानन में हुआ है। लोजपा की ओर से पूर्व सांसद वीणा देवी नामांकन में शामिल हुई जबकि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व सांसद सूरजभान का कार्यक्त्रम होना है। महागठबंधन के ओर से युवा नेता कन्हैया कुमार की सभाएं कराने की तैयारी की जा रही है कन्हैया की सभा को लेकर अंदरूनी तरीके से तैयारी की जा रही है। वहीं लखीसराय विधानसभा में भी दोनो गठबंधन की ओर से बड़े नेताओं का कार्यक्त्रम होना है।

निर्दलीय बिगाड़ेंगे दलीय प्रत्याशी का खेल

विधानसभा चुनाव में कई पार्टी के नेता टिकट से वंचित होने के बाद बगावत का रूख करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ दलीय प्रत्याशी का खेल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे है। अधिकांश निर्दलीय प्रत्याशी को पता है कि वे चुनाव नहीं जीत सकते लेकिन वे निर्दलीय प्रत्याशी बनकर खेल बिगाड़ने का हरसंभव प्रयास कर रहे है। कुछ निर्दलीय प्रत्याशी को अपने आकाओं को आर्शीवाद मिलने की बात भी कही जा रही है। ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी दलीय प्रत्याशी का कहां तक खेल बिगाड़ने में सफल होंगे यह मतगणना के समय ही पता चल पाएगा।

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