ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार लखीसरायजरा संभल कर रंग में भंग ना कर दे केमिकल रंग

जरा संभल कर रंग में भंग ना कर दे केमिकल रंग

होली के नजदीक आते ही बाजारों में केमिकल रंगों की दुकानें सज गई हैं। सावधान जरा संभल कर रंग में भंग ना कर दे केमिकल रंग। उत्साह उमंग में सिंथेटिक रंग स्वास्थ्य पर खराब असर डालता है। इस रंग से चेहरा व...

जरा संभल कर रंग में भंग ना कर दे केमिकल रंग
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायTue, 03 Mar 2020 11:43 PM
ऐप पर पढ़ें

होली के नजदीक आते ही बाजारों में केमिकल रंगों की दुकानें सज गई हैं। सावधान जरा संभल कर रंग में भंग ना कर दे केमिकल रंग। उत्साह उमंग में सिंथेटिक रंग स्वास्थ्य पर खराब असर डालता है। इस रंग से चेहरा व त्वचा जहां खराब होता है, वहीं आंखों को भी यह नुकसान पहुंचाता है।

रंगो के बनाने में उपयोग होने वाले केमिकल का लोगों के शरीर पर प्रतिकुुल असर होता है। चिकित्सक की माने तो लोगों को केमिकल वाले रंग से परहेज करना चाहिए और हर्बल रंगों का प्रयोग होली में करना चाहिए। सदर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अनंत शंकर की माने तो लोगों को सावधानी के साथ होली में रंगों का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बाजार में बिकने वाले अधिकतर रंग-अबीर में केमिकल की मात्रा काफी अधिक होती है। जिसके प्रयोग से लोगों के सेहत पर प्रतिकुल असर होता है। डा. अनंत ने बताया कि हरे रंग से आंख को अधिक नुकसान होता है। हरा रंग कापर सल्फेट से, परपल रंग क्रोमियम आयोडाइड से, सिल्वर रंग एलुमीनिया ब्रोमाइड और काला रंग लेड आक्साइड को मिलाकर तैयार किया जाता है। चमकदार बनाने के लिए रंग में कांच का बुरादा भी मिलाया जाता है।

हरे रंग में मौजूद कापर सल्फेट अगर आंख में चला जाए तो यह एलर्जी और अस्थाई अंधेपन का भी कारण बन सकता है। काले रंग में मिलने वाले केमिकल से किडनी को नुकसान, बैंगनी रंग में मिले केमिकल से एलर्जी और अस्थामा जबकि सिल्वर रंग में उपयोग होने वाले केमिकल से कैंसर तक होने का खतरा रहता है। चिकित्सक ने बताया कि रंग कैसा भी हो आंख के लिए सदा नुकसानदेह होता है। इसलिए लोगों को होली खेलते समय अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। नेत्र रोग पीड़ित को किसी भी हालात में होली से परहेज करना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें