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संक्रमित मरीज की मौत, परिजनों का हंगामा, भागे चिकित्साकर्मी

सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत संक्रमित मरीज की शनिवार देर रात मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। 30 से 40 की...

संक्रमित मरीज की मौत, परिजनों का हंगामा, भागे चिकित्साकर्मी
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायSun, 09 May 2021 11:35 PM
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लखीसराय। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत संक्रमित मरीज की शनिवार देर रात मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। 30 से 40 की संख्या में पहुंचे लोगों ने सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी के साथ अभद्र व्यवहार ही नहीं किया, बल्कि मारपीट भी की। परिजनों के हंगामा व मारपीट के बाद आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने छिपकर अपनी जान बचाई।

इस बीच स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपस्थिति की वजह से वार्ड में भर्ती एक अन्य गंभीर मरीज की मौत इलाज के अभाव में हो गई। मृतक के परिजनों के द्वारा किए गए व्यवहार के विरोध में सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने विरोध जाहिर करते हुए अस्पताल प्रबंधन से तत्काल हंगामा करने वाले मरीज के परिजन पर कार्रवाई व अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त सशस्त्र सुरक्षा बल उपलब्ध कराने की मांग की। स्वास्थ्य कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे की मोहलत देते हुए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही। अन्यथा सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम भी दे डाला। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की मांग पर प्रभारी डीएस डॉ विपिन कुमार ने जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को लिखित आवेदन देकर सदर अस्पताल में हुए हंगामा की जानकारी से अवगत कराते हुए संबंधित मरीज के परिजन पर कार्रवाई वह सदर अस्पताल में पर्याप्त सशस्त्र बल सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। डीएस ने बताया कि बिना सुरक्षा के हमारे स्वास्थ्य कर्मी सदर अस्पताल में मरीजों को सही उपचार कराने में असमर्थ जाहिर कर रहे हैं।

क्या था मामला

सदर प्रखंड के हसनपुर गांव निवासी गुपेश कुमार सिंह अपनी पत्नी रीना देवी को शुक्रवार देर शाम सदर अस्पताल में कोरोना इलाज के लिए भर्ती करवाया था। जानकारी के अनुसार इसके पूर्व संक्रमित महिला का शहर के दो निजी अस्पताल में भी इलाज हुआ। जहां उसकी स्थिति में लगातार गिरावट होने के बाद सदर अस्पताल का रूख किया गया। जिले के पहले मरीज के रूप में संक्रमित को अस्पताल प्रबंधन ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी लगाया था। आइसोलेशन वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात चिकित्सक की मानें तो मरीज को लगातार स्वयं व अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा देखभाल किया जा रहा था। संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व ही 30 और 40 के बीच था। बावजूद अथक प्रयास से संक्रमित मरीज को स्वस्थ करने की प्रक्रिया उनके द्वारा जारी रखा गया था। चिकित्सक की मानें तो शनिवार देर रात परिजन द्वारा महिला को बाथरूम ले जाने के लिए ऑक्सीजन मास्क हटाया गया था। बाथरूम से वापस आने के बाद अचानक महिला गिर गई। संक्रमित मरीज की गिरने से मौत हो चुकी थी।

हंगामे ने ली एक मरीज की जान

सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर गांव के एक संक्रमित मरीज की मौत हंगामे के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के वार्ड से अनुपस्थित रहने के कारण हो गया। मृतक के पुत्र ने बताया कि उनके पिता का इलाज आइसोलेशन वार्ड में चल रहा था। रात 10 बजे उनके पिता को एक इंजेक्शन लगना था। मगर 9:30 बजे ही संक्रमित मरीज की मौत के बाद हंगामा व मारपीट की घटना से वार्ड में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भाग गए। जिसके कारण उनके पिता को इंजेक्शन नहीं लग पाया और उनकी मौत हो गई।

अन्य संक्रमित मरीज के परिजन से भी की मारपीट

शनिवार देर रात जिस संक्रमित मरीज की मौत के बाद परिजन ने हंगामा किया, उसी संक्रमित मरीज के परिजन ने शनिवार की सुबह भी अपने मरीज के ऑक्सीजन सिलेंडर से फॉलोमीटर खोले जाने को लेकर अस्पताल परिसर में हंगामा किया था। फॉलोमीटर खोलने वाले संक्रमित मरीज के परिजन के साथ मारपीट भी की थी। जिसकी खबर रविवार को प्रकाशित भी हुई थी। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि सुबह में मारपीट करने वाले संक्रमित मरीज के परिजन ने ही शनिवार रात में भी सदर अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट की घटना को अंजाम दिया।

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