सौंदर्यीकरण को राशि की बाट जोह रही लाली पहाड़ी
सदियों पूर्व के महिला बौद्ध विहार के रूप में उभरकर सामने आई लाली पहाड़ी अपने सौंदर्यीकरण और सुरक्षा को लेकर राशि की बाट जोह रही है। खुदाई के उद्घाटन को नवंबर में सीएम नीतीश कुमार आए...
सदियों पूर्व के महिला बौद्ध विहार के रूप में उभरकर सामने आई लाली पहाड़ी अपने सौंदर्यीकरण और सुरक्षा को लेकर राशि की बाट जोह रही है। खुदाई के उद्घाटन को नवंबर में सीएम नीतीश कुमार आए थे।
पहले चरण की खुदाई पूरी होने और अद्भुत सकारात्मक परिणामों को देखने पांच माह बाद एक बार फिर 30 अप्रैल को वे आए और यहां की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया। सीएम के जाने के बाद जिला से लेकर कमिश्नरी स्तर तक बैठकें हुईं, प्रस्ताव तैयार हुआ, लेकिन हासिल क्या हुआ! सीएम का निर्देश होने के बावजूद अबतक युवा, कला एवं संस्कृति विभाग ने राशि जारी नहीं की है।
खुदाई अवशेषों की सुरक्षा के लिए सीएम ने सुरक्षा बल के अलावा सीसीटीवी कैमरा लगाने, कंटीली तार से घेराबंदी कराने एवं पर्याप्त लाइट लगाने का निर्देश दिया था। मुंगेर आयुक्त पंकज कुमार पाल के निर्देशन में भवन प्रमंडल के अभियंताओं द्वारा 17 लाख 21 हजार रुपए का प्रस्ताव बनाया गया। प्रस्ताव देने के 15 दिन बाद भी राज्य मुख्यालय से राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।
राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण लाली पहाड़ी पर मिले बौद्ध कालीन अवशेष की सुरक्षा को लेकर कार्य शुरू नहीं हो पाया है। युवा एवं कला संस्कृति विभाग द्वारा राशि उपलब्ध कराने के बाद जिला प्रशासन द्वारा कार्य शुरू कराने को लेकर टेंडर भी निकाला जाएगा। राशि उपलब्ध होने की समय सीमा पर जिला प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।