गायत्री महायज्ञ में संस्कार परंपरा की दी गई जानकारी
गायत्री महायज्ञ में संस्कार परंपरा की दी गई जानकारी गायत्री महायज्ञ में संस्कार परंपरा की दी गई जानकारी
सूर्यगढ़ा निज प्रतिनिधि। नगर परिषद के बड़तल्ला मोहल्ले के मैदान में सोमवार को चल रहे 51 कंडलीय गायत्री महायज्ञ में सुबह में ध्यान साधना व प्रज्ञा योग की जानकारी दी गई। इसके साथ द्धालुओं को विभिन्न संस्कार परंपरा की भी जानकारी दी गई। हरिद्वार के शांतिकुंज से आए हुए टोली नायक राजकुमार भृगु तथा सह नायक बनवारी लाल सैनी ने बच्चों के संस्कार होने की दीक्षा दी तथा गायत्री मंत्र की महिमा बताई। संस्कार की दीक्षा पाने के बाद बच्चे मेधावी व आदर्श नागरिक बनते हैं। पहले भगवान गणेश की वंदना करना चाहिए। विद्या के साथ ज्ञान के लिए गुरू के चरण का स्पर्श कराना चाहिए। इससे बालक के अंदर सद्गुण व अनुशासन आता है। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य हमारे गुरूदेव हैं। आचार्य जी ने गायत्री और यज्ञ यज्ञ को पुनजीर्वित किया करते हुए भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा को जागृत कर इसे सुलभ कर दिया है। बच्चों के संस्कार दीक्षा के साथ कुंडलीय यज्ञ में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। वे अपने बच्चों के साथ आई हुई थी। मुख्य भजन गायक तोमर सिंह, वादक श्रवण कुमार और अरविंद कुमार ने भी सहयोग किया। तीसरे दिन भी यज्ञ कराया गया और लोगों ने हवन किए। शाम में दीप यज्ञ का आयोजन किया गया है। गत रविवार की रात और सोमवार को संगीत पूर्ण प्रवचन तथा भजन गाए गए। इस ठंड में भी लोगों की भीड़ देखने को मिली।यज्ञ यस्थल पर चहल पहल बढ़ी हुई है। भव्य पंडाल और उसके बाहर महायज्ञ के महिला व पुरूष स्वयं सेवक तैनात थे और व्यव्स्था कार्य में जुटे हुए थे। गुड्डू कुमार, ओमप्रकाश प्रसाद, श्रीमंडल आदि सहयोग कर रहे थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।