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एक शराबी के इलाज में ढाई लाख हो रहा खर्च

नशा के शिकार लोगों का इलाज करने के लिए सदर अस्पताल के दूसरे मंजिल पर स्थापित नशा मुक्ति केन्द्र अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रहा है। इससे लाभान्वित मरीज और इस पर हो रहे खर्च का गणित लगाया जाए, तो...

एक शराबी के इलाज में ढाई लाख हो रहा खर्च
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायWed, 27 Jun 2018 12:05 AM
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नशा के शिकार लोगों का इलाज करने के लिए सदर अस्पताल के दूसरे मंजिल पर स्थापित नशा मुक्ति केन्द्र अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रहा है। इससे लाभान्वित मरीज और इस पर हो रहे खर्च का गणित लगाया जाए, तो कहा जा सकता है कि एक शराबी के इलाज में ढाई लाख खर्च हो रहा है। नशा मुक्ति केन्द्र में विगत तीन माह अप्रैल से जून के बीच में छह मरीजों का इलाज किया गया है।

इसमें से गंभीर रूप से नशा के शिकार रहे एक व्यक्ति को इलाज के लिए भर्ती किया गया। जबकि नशा मुक्ति केन्द्र में कार्यरत कर्मियों पर लगभग पांच लाख रुपए प्रतिमाह खर्च किया जा रहा है। यानि तीन माह में एक मरीज के इलाज पर ढ़ाई लाख रुपए खर्च किया गया। इस तरह आम लोगों को नशा से मुक्त कराने के लिए खोला गया नशा मुक्ति केन्द्र अपने उद्देश्य में पूर्णतया सफल नहीं हो रहा है।

कर्मियों पर लगभग पांच लाख रुपए प्रतिमाह खर्च : नशा मुक्ति केन्द्र में कार्य करने के लिए आठ कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। नशा मुक्ति केन्द्र में दो चिकित्सक, चार फार्मासिस्ट, एक नर्स एवं दो चतुर्थवर्गीय कर्मी प्रतिनयुक्त हैं। इन कर्मियों के वेतन पर प्रतिमाह लगभग पांच लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो रहा है। सभी कर्मी दिनभर नशेड़ी का इंतजार करने के बाद चले जाते हैं।

ढाई साल में 100 मरीजों के इलाज का दावा : सदर अस्पताल में चल रहे नशा मुक्ति केन्द्र में अब तक सौ मरीजों का इलाज किया गया है। इलाज के दौरान गंभीर रुप से नशा के लत का शिकार हुए 09 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है। यानि अब तक 09 नशेरियों को भर्ती कर नशा से छुटकारा दिलवाया जा सका है। विगत तीन माह अप्रैल से जून के बीच छह नशे के आदी लोगों का नशा मुक्ति केन्द्र में इलाज किया गया, जिसमें एक को इलाज के लिए भर्ती किया गया।

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