नदियों का जलस्तर घटा पर कटाव जारी
लगातार चार दिनों तक उफान पर रही प्रखंड की कनकई एवं बूढ़ी कनकई के जलस्तर में गुरुवार देर शाम के बाद गिरावट देखी जा रही है। इस कारण बाढ़ की चपेट में आए सभी सीमावर्ती गांव से बाढ़ का पानी उतर चुका है।...
लगातार चार दिनों तक उफान पर रही प्रखंड की कनकई एवं बूढ़ी कनकई के जलस्तर में गुरुवार देर शाम के बाद गिरावट देखी जा रही है। इस कारण बाढ़ की चपेट में आए सभी सीमावर्ती गांव से बाढ़ का पानी उतर चुका है। वहीं सिंघीमारी पंचायत के पलसा, डाकूपाड़ा, मंदिर टोला आदि गांवों में आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ के पानी के उतारने के साथ-साथ तटवर्ती इलाकों में कटाव का खतरा भी बढ़ गया है। इस बार भी कटाव की सबसे अधिक मार पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली के लोगों को उठाना पड़ रहा है। कटाव के कारण उपजाऊ जमीन लगातार नदी में समा रही है। दो वर्ष पहले तक गांव के बीचोबीच स्थित नव प्राथमिक विद्यालय आलम टोला ग्वालटोली नदी की जद में आ चुकी है। शिक्षा विभाग के प्रखंड साधनसेवी सौरभ कुमार ने स्थलीय निरीक्षण के बाद बताया कि विद्यालय कभी भी नदी में समा सकती है ।इस दौरान पत्थरघट्टी के संकुल समन्वयक मुकेश कुमार भी उनके साथ थे।
बताते चलें कि आठ वर्ष पूर्व ग्वालटोली के उत्तर पश्चिम में बसे कचना बस्ती जैसे गांव का अस्तित्व भी कंकई नदी में विलीन हो चुका है। जबकि पिछले 3 वर्षों से ग्वालटोली के पास जारी कटाव ने क्षेत्र संख्या चार के वर्तमान जिला परिषद मोहम्मद इस्लाम के घर सहित गांव के आधे से अधिक आबादी को यहां से विस्थापित कर दिया है। बाकी बचे लोग भी सरकारी उदासीनता के कारण धीरे-धीरे यहां से पलायन को मजबूर हैं। आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा पत्थरघट्टी पंचायत के तटवर्ती गांवों को कटाव से बचाने के लिए कोई कोई मजबूत पहल नहीं की गयी है।