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एएमयू को बचाने के लिए बना बांध कटा

चकला स्थित एएमयू कैंपस से पानी अब उतर चुका है। एएमयू की जमीन को महानंदा नदी के बाढ़ व कटाव से बचाने के लिए जिस बांध का निर्माण किया गया था उसे उफनाई महानंदा ने बहा दिया है। बांध कई जगहों पर काफी दूर...

एएमयू को बचाने के लिए बना बांध कटा
हिन्दुस्तान टीम,कोसीFri, 25 Aug 2017 11:13 PM
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चकला स्थित एएमयू कैंपस से पानी अब उतर चुका है। एएमयू की जमीन को महानंदा नदी के बाढ़ व कटाव से बचाने के लिए जिस बांध का निर्माण किया गया था उसे उफनाई महानंदा ने बहा दिया है। बांध कई जगहों पर काफी दूर तक कट चुका है। 44 करोड़ की लागत से यहां चार हजार तीन सौ मीटर बांध का निर्माण किया जाना था। लगभग दो किलोमीटर बांध का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। इसमें आधा से अधिक बांध पूरी तरह बह चुका है। मोजाबाड़ी महानंदा नदी के दक्षिण चकला पंचायत स्थित इस कैंपस होकर ही महानंदा गुजर गई। कैंपस के आगे पूरब की ओर आ रही नदी की धारा को पश्चिम की ओर मोड़ने का प्रयास बांध के जरिए किया जा रहा था। महानंदा उफनाई तो इस बांध पर दबाव बढ़ा और नदी पश्चिम मुड़ने की जगह उत्तर जहां से बांध का निर्माण शुरु किया गया था वहीं पचास मीटर से अधिक तोड़कर पूरब की ओर मुड़ गई। नदी पूरब बढ़ी और कैंपस के बीच में स्थित निर्माण कंपनी के कैंप और चहारदीवारी को रौंदते चकला गांव की ओर बढ़ गई। इसी धारा ने यहां से लगभग एक किलोमीटर दूर फिर जहां नदी को मोड़ने का प्रयास किया गया था वहीं पर बांध को लगभग एक सौ मीटर तोड़ दिया। कैंपस के मुख्य द्वार के पास बड़ा सा गहरा तालाबनुमा गड्ढा बन गया है। महानंदा अपनी मिट्टी और बालू वापस ले गई। शुक्रवार की सुबह वहां टूटे फूटे बांध का मुआयना कर रहे बांधकर्मी आर के सिन्हा ने बताया कि मोजाबाड़ी पुल के पास बने रिंग बांध के टूट जाने के बाद जो पानी पूरब की ओर फैला और वापस आया उसी के दबाव से इस बांध को अधिक नुकसान हुआ। बाढ़ के दरम्यान ही यहां एक बांधकर्मी राहुल कुमार की मौत भी हो गई थी।

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