फर्जी सर्टिफिकेट मामले में पकड़ा गया आरोपी डेढ़ वर्षों से चलाता था दुकान
किशनगंज। संवाददाता जिला परिषद कार्यालय के समीप स्थित मार्केट कॉम्पलेक्स में पिछले डेढ़ वर्षो...

किशनगंज। संवाददाता
जिला परिषद कार्यालय के समीप स्थित मार्केट कॉम्पलेक्स में पिछले डेढ़ वर्षो से चल रहा था दुकान। पकड़ा गया आरोपी मुकेश कुमार साहा, मुकेश कम्प्यूटर के नाम से दुकान चलाता था। इसने अब तक कई लोगों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मुहैया करवाया है। वहीं दुकान के बाहर यहां जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है का बोर्ड भी लगा के रखता था। मामले में पकड़े गये तीनो आरोपियों को शनिवार को जेल भेजे जाने की प्रक्रिया जारी थी। इधर अब तक की जांच में मामले में नया मोड़ सामने आया है। जिसमे तीनों के स्वयं आनलाइन ठगी का शिकार होने की बात भी सामने आयी है। पकड़े गये दुकान संचालक के द्वारा जो जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता था। उसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाता था। पकड़े गये आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि एक संस्था की ओर से एक विज्ञापन निकाला गया था। जिसके लिए उसने राशि भी दिया था और इसके बाद जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत किया गया था। इसी के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने को लेकर शपथ पत्र के अलावे जो भी कागजात लोगों से लिये जाते थे। उसे ऑनलाइन वेबसाइट पर सबमीट किया जाता था। उसके बाद बाहर के किसी संस्था से सर्टिफिकेट बनाकर ऑनलाइन भेजा जाता था। सभी प्रक्रियाएं आनलाइन ही की जाती थी। पुलिस के अनुसार इसमें कोई बड़ा गिरोह कार्य कर रहा है। इस रैकेट के तार किशनगंज सहित सूबे के अन्य जिलों से भी जुड़े हुए हैं। इसमें बाहर का कोई गिरोह कार्य कर रहा है। जो लोगों को आनलाइन ठगी का शिकार बनाता है। कम समय में रूपये कमाने के लालच में लोग बिना पड़ताल किये ऐसे गिरोह के झांसे में आ जाते हैं। इस मामले में पुलिस अगर गहराई से जांच करे तो एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। यहां बता दें कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने की सूचना पर शुक्रवार को जिला परिषद कार्यालय के पास मुकेश कम्प्यूटर नामक दुकान में एसडीएम शहनवाज अहमद नियाजी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार व सांख्यिकी पदाधिकारी के द्वारा तलाशी ली गई थी। जिसमे दुकान से मुकेश साहा, राकेश कुमार व जुनैद आलम को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान अधिकारी ने जांच के दौरान फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी पाया था। जिसमें जारी करने वाले अधिकारी में रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु उप जिला अस्पताल खड़गपुर का हस्ताक्षर भी किया गया था। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र सौरभ सिन्हा के नाम का बना था। जिसमें आवासीय पता डुमरिया वार्ड 30, नियर काली मंदिर दर्ज था।
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