मौसम विभाग द्वारा बारिश व वज्रपात के जारी किए गए 72 घंटे के अलर्ट के बाद जिले में रविवार से लगातार बारिश हो रही है। जिस कारण जिले में बहनेवाली नदियां महानंदा, कनकई, मेची का जलस्तर पर भी बढ़ने लगा है।
नदियों के जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलते ही डीएम आदित्य प्रकाश के निर्देश पर सोमवार को जलस्तर पर निगरानी के लिए एनडीआरएफ की टीम को महानंदा नदी में उतारा गया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बहनेवाली महानंदा नदी में एनडीआरएफ की टीम ने दोपहर बाद पेट्रोलिंग शुुरु कर दी है। किशनगंज, कोचाधामन सहित अन्य प्रखंडों में महानंदा नदी में पेट्रोलिंग की जा रही है। इस बाबत डीएम आदित्य प्रकाश ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी 72 घंटे के अलर्ट के बाद सभी बीडीओ व सीओ को भी अलर्ट कर दिया गया है। नदियों के जलस्तर पर पल-पल नजर रखी जा रही है। महानंदा, कनकई व मेची नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। खासकर महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। डीएम ने कहा, महानंदा के बढ़ते जलस्तर के बाद एनडीआरएफ की टीम को पेट्रोलिंग का जिम्मा दिया गया है। टीम पेट्रोलिंग में उतर गई है। महानंदा नदी का जलस्तर तैयबपुर में खतरे के निशान 66 सेमी से बढ़कर 66.12 हो गया है। वहीं बूढ़ी कनकई का जलस्तर चरघरिया में खतरे के निशान 46.94 से अभी नीचे 46.05 है। गलगलिया में मेची नदी का जलस्तर खतरे के निशान 82.30 सेमी से नीचे 79.95 सेमी है।
नदियों का जलस्तर बढ़ने की ओर है। महानंदा बराज से सोमवार को डिस्चार्ज 420.303 क्यूमेक व डोक बराज से डिस्चार्ज 37.71 क्यूमेक किया गया। महानंदा बराज का डिस्चार्ज बढ़ रहा है। डीएम ने कहा संभावित बाढ़ के खतरा से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार है। हर स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई है। नदियों के जलस्तर पर पल-पल नजर रखी जा रही है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए भी अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ की टीम को भी मुस्तैद किया गया है।