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आजीवन कारावास की सजा

जुर्माना नहीं दिये जाने पर सजा की अवधि चार माह अतिरिक्त होगी

आजीवन कारावास की सजा
हिन्दुस्तान टीम,कोसीSat, 16 Nov 2019 07:29 PM
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आजीवन कारावास की सजा

जुर्माना नहीं दिये जाने पर सजा की अवधि चार माह अतिरिक्त होगी

दहेज को लेकर 24 मई 2018 को पति ने की थी पत्नी की हत्या

किशनगंज। विधि संवाददाता

जिला व सत्र न्यायाधीश कृष्ण कांत त्रिपाठी की अदालत ने दहेज हत्या के एक

मामले में पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व पचास हजार रुपये

जुर्माने की सजा शुक्रवार को सुनाई। जुर्माना नहीं दिये जाने पर सजा की

अवधि चार माह अतिरिक्त होगी। विदित हो कि वगांडा रंगेली जिला मोरंग नेपाल

के धनेसर सिंह की पुत्री सरिता सिंह का विवाह सुनील सिंह (23) पिता

राजेंद्र प्रसाद सिंह निवासी भोराहा पैक टोला टेरहगाछ के साथ घटना से एक

बर्ष पूर्व हुई थी और दहेज के कारण 24 मई 2018 को गला दबाकर उसकी हत्या

ससुराल में पति के द्वारा कर दी गई थी। मृतका सरिता सिंह के पिता धनेसर

सिंह के बयान पर टेरहगाछ थाना कांड सं46/18दर्ज किया गया। पुलिस ने भी

अनुसंधान के तहत मामले को सत्य पाकर सुनील सिंह पर भादवि की धारा304 बी

के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सत्र विचारण सं 146/18के तहत

विचारण के दौरान गवाही में मृतका के माता पिता सहित अन्य गवाहों ने भी

अभियुक्त सुनील सिंह के पक्ष में गवाही देकर उसे सजा से बचाने की भरपूर

कोशिश की। लेकिन लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साहा ने इस केस के

अनुसंधानकर्ता उमेश प्रसाद सिंह तथा चिकित्सक सुरेश प्रसाद के द्वारा

घटना का पूर्ण समर्थन करवाने में सफल रहे। इस कारण महत्वपूर्ण गवाहों के

पक्षद्रोही हो जाने के बावजूद भी न्यायालय ने अनुसंधान कर्ता व डॉक्टर के

बयान एवं अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार परअभियुक्त सुनील सिंह को

दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई।

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