किशनगंज: सादगी से लोगों ने घरों में मनाया नागपंचमी का त्योहार
Kishanganj: People celebrated Nagpanchami festival with simplicity in their homes
किशनगंज | नगर संवाददाता
कोविड-19 महामारी के दौरान शनिवार को किशनगंज जिले में नाग पंचमी का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने नाग देवताओं की पूजा विधि-विधान से की और नाग देवता को दूध व लावा चढ़ायें । शहर के विभिन्न मौहल्ले में महिलाओं ने बडे ही श्रद्धाभाव से मनाया।
मंदिरों व घरों में भी महिलाओं ने नाग पंचमी का पर्व मनाया और बाबा भोलेनाथ व नाग देवता से जल्द से जल्द कोरोना वायरस की मुक्ति के लिए प्रार्थना की। नाग पंचमी का पर्व महिलाएं अपने - अपने घरों में नाग देवता को दूध व लावा चढ़ा कर मनाई । नाग पंचमी पूजा का एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं घरों में साफ-सफाई करने के बाद गोबर से नाग देवता का मूर्ति बनाते हैं और फिर उसे बाबा भोलेनाथ के पास रखा कर पूजा करते हैं। इस दौरान दूध व लावा चढ़ायें जाते हैं। पूजा के बाद लावा को घर के चारों तरफ छीट दिये जाते है। नाग पंचमी का पर्व हर वर्ष सवान माह में मनाया जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार के निर्देश पर मंदिरों में नहीं के बराबर मनाया गया। कहीं-कहीं पर मंदिरों में सामाजिक दूरी के तहत नाग पंचमी का पूजा-अर्चना कर दूध व लावा चढ़ायें गयें । नाग पंचमी के दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा हुई। नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से बाबा भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।
नाग पंचमी के दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। विद्वान पंडित जयहिंद मिश्रा ने बताया कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता के पूजा करने से भगवान शिव खुश होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला उसे पीने को कोई तैयार नहीं था। भगवान शिव ने उसे पी लिये और भगवान शिव जब विष पी रहे थे तभी उनके मुख से विष का कुछ बूंद नीचे गिरी और सर्प के मुख में समा गई। इसके बाद ही सर्प जाति विषैली हो गई। सर्पदंश से बचाने के लिए ही इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।