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डीएम ने छुआछूत मामले दिया जांच का आदेश

विशनपुर बाजार में महादलितों के साथ भेदभाव व छुआछूत मामले को डीएम हिमांशु शर्मा ने गंंभीरता से लिया है। मामले में उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी व नोडल पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया...

डीएम ने छुआछूत मामले  दिया जांच का आदेश
हिन्दुस्तान टीम,कोसीFri, 17 Jan 2020 12:26 AM
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विशनपुर बाजार में महादलितों के साथ भेदभाव व छुआछूत मामले को डीएम हिमांशु शर्मा ने गंंभीरता से लिया है। मामले में उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी व नोडल पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया है।

डीएम से निर्देश मिलने के बाद जिला कल्याण पदाधिकारी केके मिश्र विशनपुर बाजार पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल की। जांच पदाधिकारी महादलित परिवारों से भी मिले, जिन्होंने भेदभाव की शिकायत की थी। वहीं जांच पदाधिकारी उन दुकानदारों से भी मिले जिन पर भेदभाव व छुआछूत का आरोप लगाया गया था। दोनों पक्षों के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में दोनों पक्षों को मिलाया गया। वही जांच पदाधिकारी ने दुकानदारों को स्पष्ट रूप से निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह की हरकत दोबारा नहीं हो। दोबारा इस प्रकार की शिकायत मिली तो प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। वहीं अधिकारियों की मौजूदगी में महादलित परिवार के लोगों ने होटलो मेें खाना भी खाया और सैलून में बाल-दाढ़ी भी बनाया गया। इस मौके पर विशनपुर ओपी प्रभारी वेदानंद सिंह भी मौजूद थे। इधर जेएमएम के प्रदेश संयोजक शुकल मुर्मू व महादलित विकास मंच के जिलाध्यक्ष शिवनाथ मल्लिक के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक महादलित परिवार के लोग डीएम से मिलने पहुंचे थे। डीएम से मिलकर एक मांग पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगायी। आवेदन दिये जाने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम हिमांशु शर्मा ने जांच टीम का गठन किया। इसके बाद जांच टीम को कोचाधामन के विशनपुर भेजा गया। विशनपुर बाजार में एक सौ महादलित परिवारों को सार्वजनिक स्थलो पर आने जाने से रोकने, होटलों में खाने पीने व नाई की दुकान में बाल-दाढ़ी बनाने से रोकने का फरमान जारी किया गया था। मामला कोचाधामन प्रखंड के विशनपुर वार्ड नंबर एक का था। यहां रहने वाले 34 महादलित परिवारों के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।

यहां आश्चर्य की बात यह है की विशनुपर बाजार में स्थित 23 दुकानदारों ने स्वयं ही यह फरमान जारी किया है। जब ये लोग चाय-नाश्ते की दुकान व होटलों में चाय पीने व भोजन के लिए जाते है तो इनके साथ भेदभाव किया जाता था। दुकानों में चाय व नाश्ता देने से मना कर दिया जाता था।

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