ग्वालटोली गांव में कटावरोधी कार्य शुरू
सोमवार को ‘हिन्दुस्तान द्वारा पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली के नजदीक से बह रहे कनकई नदी की धार बदलने की खबर को प्रमुखता के साथ छापा गया था। जिसके बाद प्रशासनिक हलचल तेज हो गई और स्वयं प्रखंड विकास...
सोमवार को ‘हिन्दुस्तान द्वारा पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली के नजदीक से बह रहे कनकई नदी की धार बदलने की खबर को प्रमुखता के साथ छापा गया था। जिसके बाद प्रशासनिक हलचल तेज हो गई और स्वयं प्रखंड विकास पदाधिकारी दिघलबैंक पुरण साह ने सोमवार की दोपहर कटाव स्थल का निरीक्षण करते हुए वास्तविक स्थिति का जायजा लिया तथा कनकई नदी की बदली हुई धार और उससे आने वाले समय में पत्थरघट्टी पंचायत के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को लेकर अपने उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया।
गौरतलब हो कि सोमवार के अंक में ही ्न‘पत्थरघट्टी पर कटाव का खतरा मंडराया हेडिंग से खबर प्रमुखता से हिन्दुस्तान में छपी है। दूसरी ओर पत्थरघट्टी पंचायत के लोगों द्वारा लगातार फोन किये जाने के बाद भी जल निस्सरण विभाग भी सोमवार को अचानक उनकी निंद्रा टूट गई और पूरा विभाग हरकत में दिखा। विभाग द्वारा करीब तीन दर्जन मजदूरों को फिलहाल कटाव रोधी कार्य में लगा दिया गया है।
पत्थरघट्टी पंंचायत के ग्वालटोली के पास से बह रहे कनकई नदी के धार में आये बदलाव वाले स्थल का जायजा लेने के बाद हिन्दुस्तान संवाददाता से बात करते हुए दिघलबैंक के प्रखंड विकास पदाधिकारी पुरण साह ने बताया कि कनकई नदी ने एक नया धार बनाया है और इस धार के कारण पत्थरघट्टी पंचायत के आधे दर्जन से अधिक गांव आने वाले समय में नदी कि चपेट में आ सकते हैं। प्रशासन द्वारा सोमवार से युद्धस्तर पर कटावरोधी कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा यथासंभव यह प्रयास किया जाएगा कि नदी को अपने पुराने धार से ही बहाने कि व्यवस्था हो जाय। परंतु इसमें कितनी सफलता मिल पाती है यह फिलहाल आने वाले समय में हीं पता चल पायेगा। वे दो दिन पहले भी यहां आये थे और उन्होंने उस समय ही यहां कि यथास्थिति से अपने उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया था। बारिश ने भी इसबार यही नहीं कई अन्य जगहों पर भी कटाव रोधी कार्य में बाधा पहुंच रही है।
धार बदलने के बाद लगातार आशंकाओं से घिरे और आक्रोशित पत्थरघट्टी पंचायत के लोगों ने प्रशासन द्वारा सोमवार से प्रारंभ किये गए कटावरोधी कार्य का स्वागत किया है और कहा है कि प्रशासन द्वारा फिलहाल तो कटावरोधी कार्य कर दिया जाय लेकिन आने वाले समय में पत्थरघट्टी पंचायत को अगर कनकई नदी के कहर से बचाना है तो नदी के ऊपर योजनाबद्ध तरीके से और बोल्डर पीचिंग द्वारा बांध का निर्माण कराना हीं होगा।बांस के खुट्टा और बालू के बोरा से बहुत समय तक बांधे रख पाना असंभव है।