Bihar Flood: कोसी, कमला और गंडक खतरे के निशान के पार, बिहार के 8 जिलों में दहशत; कई गांवों में घुसा पानी
संक्षेप: Bihar Flood: भारी बारिश की संभावना के बीच पूर्वी चंपारण में 29 सितंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जयनगर में कमला खतरे के निशान से 75 सेमी ऊपर बह रही है। आसपास के कई गांवों में पानी घुस गया है। तटबंध से तेज लहरें टकरा रही हैं।
Bihar Flood: बीते तीन दिनों से जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से उत्तर बिहार की नदियां उफना गई हैं। कोसी, कमला, गंडक, बूढ़ी गंडक, सिकरहना व बागमती समेत सभी पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उत्तर बिहार के आठ जिलों के 31 प्रखंडों के लोग दहशत में हैं। जल संसाधन विभाग के साथ जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। तटबंधों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की जा रही है। एहतियात के तौर पर सामुदायिक किचन से लेकर नाव तक की व्यवस्था की गई है।

भारी बारिश की संभावना के बीच पूर्वी चंपारण में 29 सितंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जयनगर में कमला खतरे के निशान से 75 सेमी ऊपर बह रही है। आसपास के कई गांवों में पानी घुस गया है। तटबंध से तेज लहरें टकरा रही हैं। इस कारण आधा दर्जन जगहों पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है। झंझारपुर में कमला-बलान खतरे के निशान से सवा दो मीटर ऊपर बह रही है।
पूर्वी चंपारण में भी मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
नदियों में उफान से पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लालबकेया गुआबारी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। डुमरिया घाट में गंडक नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है। पूर्वी चंपारण में शनिवार को रिकॉर्ड 132.09 एमएम बारिश हुई है।
सीतामढ़ी में बागमती व लालबकेया खतरे के निशान से ऊपर
जिले से होकर गुजरनेवाली सभी नदियों में उफान आ गया है। बागमती नदी एक से ढाई मीटर तक खतरे के निशान से उपर बह रही है। लालबकेया नदी लाल निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। सुप्पी, मेजरगंज, रीगा, बेलसंड व रुन्नीसैदपुर के कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि से सोनबरसा प्रखंड के गांवों के सरेह में पानी फैल रहा है। शहर होकर बहने वाली लखनदेई नदी में उफान से डायवर्सन डूब गया है। जिला प्रशासन ने बांधों की सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी बढ़ा दी है।
सुपौल के पांच प्रखंडों के सौ गांवों में आई बाढ़
कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटंबध के अंदर के गांवों में पानी फैल गया है। कोसी तटबंध के अंदर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। डीएम कौशल कुमार ने बताया कि तटबंध के अंदर रह रहे लोगों को बाहर निकलने के लिए कहा गया है। लगभग तीन लाख लोग तटबंध के अंदर बसे हैं।
अनुमान से एक लाख कम
पूर्वानुमान था कि शनिवार दोपहर तक 6.81 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होगा। शाम तक 5.67 लाख क्यूसेक पानी ही आया है। यही वजह रही कि अभी तक सभी बांध सुरक्षित हैं। इससे पहले 5 अक्टूबर 1968 को कोसी नदी का जलस्तर 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक तक जा पहुंचा था। इस साल 14 अगस्त को 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक जलस्तर रिकॉर्ड किया गया था। राहत की बात है कि नेपाल में पानी की रफ्तार थमने की सूचना है।
पहाड़ी नदियों में पानी बढ़ने का सिलसिला जारी
बेतिया में शनिवार की रात से नेपाल से छोड़ा गया पानी वाल्मीकिनगर पहुंचेगा। यह पानी वाल्मीकिनगर, बगहा-1, बगहा-2, पिपरासी, ठकराहा, मधुबनी, भितहा, योगापट्टी, बैरिया व नौतन तक पहुंचेगी। रविवार के दोपहर तक इन प्रखंडों के इलाकों में पानी पहुंचने की संभावना है। पहले ही दियारावर्ती क्षेत्र के निचले इलाकों में पानी घुस चुका है।





