Hindi NewsBihar Newskosi gannga and gandak water level increased but why water is not stopping
बिहार में गंगा, कोसी और गंडक लबालब, नदियों में फिर भी क्यों नहीं ठहर रहा पानी

बिहार में गंगा, कोसी और गंडक लबालब, नदियों में फिर भी क्यों नहीं ठहर रहा पानी

संक्षेप: नेपाल में बारिश के बाद वहां से लगभग 300 स्रोतों से बिहार में पानी प्रवेश करता है। यह कई स्रोतों से होते हुए बड़ी नदियों में समाहित हो जाता है। इसके कारण कई छोटी नदियों में भी पानी आता है। लेकिन, इन स्रोतों से पानी की आपूर्ति बंद होने के बाद नदियां सूखने लगती हैं।

Tue, 16 Sep 2025 05:40 AMNishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटना
share Share
Follow Us on

एक तरफ नदियां लबालब हैं, वहीं दूसरी ओर सूखे जैसे हालात हैं। नदियों में पानी ठहर नहीं रहा, उनका जलस्तर तेजी से नीचे चला जा रहा है। बिहार की नदियों में भरपूर पानी आने के बाद भी वह महज 48 से 72 घंटे में गायब हो जाता है। पानी यदि ठहरता तो भू-जल रिचार्ज हो पाता और पानी के मामले में बिहार की स्थिति काफी बेहतर हो पाती। जल संसाधन विभाग के अनुसार नेपाल के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में बारिश से बिहार की नदियों में पानी तो खूब आ रहा है, लेकिन उसी गति से वह गायब भी हो जाता है।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

यह विशेषज्ञों के लिए भी हैरानी की बात है। ऐसी स्थिति तब है कि जबकि इनमें कई नदियों ने अपने जलस्तर का रिकॉर्ड भी बनाया। इस समय गंगा समेत आधा दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि सारी नदियों का पानी दो-तीन दिनों तक तो ऊपर रहता है, फिर अचानक नीचे चला जाता है। पिछले साल कोसी और गंडक में रिकॉर्ड पानी आया, लेकिन वह भी कुछ ही दिनों में नदी से गायब हो गया।

ये भी पढ़ें:मेरी हत्या करने की साजिश रची गई थी, बोले जीवेश मिश्रा- तेजस्वी को भेजूंगा
बिहार चुनाव 2025 की ताज़ा ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें।

पिछले दिनों फल्गू नदी में रिकॉर्ड पानी आया और इसने जलस्तर के मामले में अब तक का अपना सारा पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। इसके कारण बड़ी तबाही मची। कई तटबंध टूट गए, लेकिन तीन दिनों में ही नदी से पानी गायब हो गया। उत्तर बिहार की नदियों में नेपाल, तिब्बत से जबकि दक्षिण बिहार की नदियों में झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड राज्यों से पानी आता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पानी से भी सूबे की नदियां उफनाती हैं।

नदियों में ऐसे कम हो जाता है पानी

नेपाल में बारिश के बाद वहां से लगभग 300 स्रोतों से बिहार में पानी प्रवेश करता है। यह कई स्रोतों से होते हुए बड़ी नदियों में समाहित हो जाता है। इसके कारण कई छोटी नदियों में भी पानी आता है। लेकिन, इन स्रोतों से पानी की आपूर्ति बंद होने के बाद नदियां सूखने लगती हैं। कोसी नदी के वीरपुर बराज या फिर गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज पर 24 घंटे में 50 हजार से एक-एक लाख क्यूसेक तक पानी घट जाता है। आगे यह पानी भी नदी से गायब हो जाता है।

नदियां स्वभाव बदल रहीं हैं : दिनेश मिश्र

जल विशेषज्ञ दिनेश मिश्र मानते हैं कि नदियों का स्वभाव बदल रहा है। नदियों का पानी संग्रहित नहीं हो पा रहा। हमारे पास उन्हें बचाने की कोई योजना नहीं है। जमीन भी काफी प्यासी है। नदियों में भारी मात्रा में गाद से पानी को स्थिर नहीं हो पा रहा है। विभाग के रिटायर वरीय अभियंता एसके सिन्हा कहते हैं कि जमीन के अंदर का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। भूजल का दोहन जारी है, लेकिन रिचार्ज की कोई व्यवस्था नहीं है। वे भू-जल को रिचार्ज तो करते हैं, लेकिन पानी की बड़ी मात्रा बेकार होकर बहकर बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाते हैं।

बरौली में गंडक नदी में बालू व गाद जम जाने से नदी उथली हो गई है, जिससे पानी का ठहराव नहीं हो पा रहा है। नवादा में बारिश के दिनों में भी जब-तब उफनाने के बाद भी अक्सर पानी विहीन रहना जिले के नदियों की नियति बनकर रह गई है। भोजपुर जिले में नदियों के किनारे बसे गांवों के अतिक्रमण और गाद की नियमित सफाई नहीं होने के कारण इसका दायरा लगातार कम होता जा रहा है। औरंगाबाद जिले की नदियों का भी यही हाल है। कैमूर में बरसात में लबालब रहनेवाली कैमूर की नदियां गर्मी में सूख जाती हैं।

जिले की कर्मनाशा, दुर्गावती, सुवरा नदी अधौरा प्रखंड के उद्गम और पहाड़ से पानी आता है। पहाड़ और वर्षा का पानी भी तालाब में जमा होता है। नहर तक में बरसात का पानी जाता है। लेकिन, जैसे ही बरसात का मौसम समाप्त होता है, वे सूख जाती हैं।

ये भी पढ़ें:पीएम अब अमित शाह का दौरा, डेहरी-बेगूसराय में बैठक; बिहार चुनाव पर मंथन
Nishant Nandan

लेखक के बारे में

Nishant Nandan
एक दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे निशांत नंदन डिजिटल पत्रकारिता में आने से पहले इलेक्ट्रॉनिक/प्रसारण मीडिया में लंबे समय तक काम कर चुके हैं। निशांत ने अपने करियर की शुरुआत ETV बिहार से की थी। इसके बाद वो मौर्य न्यूज, आर्यन न्यूज, न्यूज वर्ल्ड इंडिया जैसे संस्थानों में अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। साल 2018 में इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के साथ डिजिटल पत्रकारिता का सफर शुरू करने के बाद निशांत साल 2021 में लाइव हिन्दुस्तान से जुड़े। निशांत मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। आरा में शुरुआती शिक्षा के बाद इन्होंने नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। और पढ़ें
लेटेस्ट Hindi News, Bihar Election Result 2025, Bihar Chunav Result, बिहार चुनाव 2025 , Bihar vidhan sabha seats , बिहार चुनाव एग्जिट पोल्स और बिहार चुनाव 2025 की खबरें पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।