सदर अस्पताल को अब तक नहीं मिली आईसीयू व पीकू की सुविधा
किशनगंज के सदर अस्पताल में वर्ष 2024 के अंत तक आईसीयू और पीकू वार्ड की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर वार्ड तैयार किए हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों और संसाधनों की कमी...
किशनगंज, एक प्रतिनिधि। वर्ष 2024 अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है। साल खत्म होने में महज 3 दिन शेष बचा है। गुजरते साल में सदर अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड की सुविधा जिले वासियों को नहीं मिल सकी। सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर आईसीयू और पीकू अलग अलग वार्ड बनाया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टर एवं अन्य एचआर व संसाधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से दोनो महत्वपूर्ण वार्ड मेंताला लगा हुआ है। सदर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से यह बना। गौरतलब हो कि सदर अस्पताल भवन के दूसरी मंजिल पर 10 बेड का आईसीयू वार्ड एवं सदर अस्पताल भवन के छत पर 42 बेड का पीकू वार्ड करीब 1 वर्ष पूर्व से बनकर तैयार है। पीकू वार्ड तक पहुंचने के लिए हाल में लिफ्ट का निर्माण किया गया है, एजेंसी द्वारा लिफ्ट का ट्रायल भी किया गया है, लेकिन अब तक दोनों वार्ड में स्वास्थ्य सेवा शुरू नहीं होने से जिले वासियों में चर्चा का विषय बन कर रह गया है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि सदर अस्पताल भवन में सभी सुविधाओं से लैस आईसीयू वार्ड में उपलब्ध सभी सुविधा वाली दस बेड का आईसीयू वार्ड चालू हो जाने से गंभीर मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज आसान हो जाएगा। आईसीयू वार्ड चालू होने से गंभीर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा व सुविधा मिल सकेगा। आईसीयू वार्ड चालू होने से गंभीर रूप से बीमार या अस्थिर स्थिति वाले मरीजों के लिए गहन देखभाल इलाज और निगरानी दुर्घटना में गंभीर एवं गंभीर मरीज को आईसीयू में इलाज किया जाएगा जहां 24 घंटे की निगरानी में मरीजों को आवश्यकता अनुसार चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि सदर अस्पताल भवन में दस बेड का आईसीयू वार्ड एवं 42 बेड का पीकू वार्ड बना कर तैयार है। दोनों वार्ड के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की मांग स्वास्थ्य विभाग से किया गया है। विशेषज्ञ चिकित्सक का पदस्थापना एवं अन्य संसाधन उपलब्ध होने के साथ दोनों वार्ड चालू कर दिया जाएगा।
अत्याधुनिक तकनीक से हो सकेगा बच्चों का इलाज
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि पीकू वार्ड शुरू होने से गंभीर बच्चों एवं किशोरों का अत्याधुनिक तकनीक से बेहतर इलाज हो सकेगा। सभी सुविधाओं से लैस 42 बेड का पीकू वार्ड में 29 दिन के बच्चों से लेकर 17 वर्ष के गंभीर किशोरों के इलाज सभी सुविधा उपलब्ध रहेगी। पीकू वार्ड चालू होने से जिले के गंभीर बीमार बच्चों एवं किशोरों को इलाज के लिए जिला से बाहर नहीं पड़ेगा। पीकू वार्ड में आईसीयू की तर्ज इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जिस वजह से सदर अस्पताल से बच्चों एवं किशोरों को रेफर की समस्या से निजात मिल जाएगा।
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