Kishanganj 1254 TB Patients Identified in District This Year Government Takes Steps for Eradication जनवरी से अब तक 1254 टीबी रोगियों में 16 एमडीआर स्टेज में शामिल, Kishanganj Hindi News - Hindustan
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जनवरी से अब तक 1254 टीबी रोगियों में 16 एमडीआर स्टेज में शामिल

किशनगंज में इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक 1254 टीबी मरीजों की पहचान की गई है। 690 मरीज अभी भी उपचाराधीन हैं। एमडीआर टीबी के मरीजों को मुफ्त दवा और निक्षय पोषण योजना के तहत सहायता दी जा रही है। स्वास्थ्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजSun, 29 Dec 2024 01:10 AM
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जनवरी से अब तक 1254 टीबी रोगियों में 16 एमडीआर स्टेज में शामिल

किशनगंज, एक प्रतिनिधि । जिले में चालू वर्ष में 1 जनवरी से शनिवार को खबर लिखे जाने तक 1254 टीबी मरीजों की पहचान हुई है। जिसमे 770 मरीज की टीबी की पुष्टि सरकारी अस्पताल में हुई है तथा 484 मरीज की टीबी का पहचान निजी अस्पताल या क्लीनिक में हई है। वर्तमान में 690 लोग टीबी से पीड़ित हैं,शेष मरीज में करीब 1 दर्जन मरीज दूसरे जगह रेफर करा कर दवा खा रहे हैं, बाकी स्वास्थ्य होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। इस वर्ष जिले में 24 टीबी रोग से पीड़ित मरीज एमडीआर स्टेज पर गया है जिसमे 8 मरीज स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। वर्तमान में 16 एमडीआर एवं प्रथम स्टेज के 690 टीबी पीड़ित मरीजों को सदर अस्पताल के अलावा प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से नि:शुल्क(मुफ्त) दवा उपलब्ध कराया जा रहा है। उसके अलावा निक्षय पोषण योजना से प्रति महीना एक हजार रुपये दिया जा रहा है। उक्त जानकारी सीडीओ डॉ. मंजर आलम ने दिया। उन्होंने कहा कि जिले में टीबी रोग उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चल रहा है। जिले में 690 प्रारंभिक एवं 16 एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) टीबी के रोगी का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में एमडीआर टीबी के रोगी की जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा है। उन्होंने बताया कि 2025 तक टीबी मुक्त को लेकर टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार की ओर से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम कहा कि दवा चलने के दौरान बीच में दवा को कोर्स छोड़ दिया गया है। ऐसे में पहले से चल रहे दवा काम करना छोड़ देता है। पुन: टीबी रोग होने की स्थिति में एमडीआर टीबी के केटेगरी में आ जाता है।

दवाओं के सेवन में लापरवाही के कारण सामान्य टीबी एमडीआर होता तब्दील:सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बताते हैं 2025 तक जिला को टीबी मुक्त जिला का लक्ष में जुटे हुए हैं । टीबी उन्मूलन के लिए जिले टीबी जांच में तेजी लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल एवं पोठिया व ठारकुगंज सीएचसी में एमडीआर टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है। उसके अलावा अन्य सभी पीएचसी-सीएचसी में सामान्य टीबी जांच किया जा रहा है। बताया कि जांच में टीबी की पुष्टि होने पर नियमित दवा का सेवन से टीबी रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। वही इलाज के अभाव एवं दवाओं के सेवन में लापरवाही बरतने के कारण सामान्य टीबी एमडीआर और एक्सडीआर स्टेज में हो तब्दील हो जाता है जो टीबी का खतरनाक स्टेज है।

सीडीओ डॉ. मंजर आलम ने बताया कि टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए प्रतिमाह दिए जाने वाली निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। मरीज का टीबी पुष्टि होने के साथ 1 हजार रुपये प्रति माह सरकारी सहायता प्रदान की जाती हैसीडीओ डॉ.मंजर आलम ने बताया कि टीबी पीड़ित मरीज के इलाज में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टीबी मरीजों को बीमारी के खिलाफ उनकी लड़ाई को मजबूत करने के लिए निक्षय पोषण योजना से 1 हजार रुपये प्रत्येक माह दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए के लिए बड़ी राहत मिलती है राशि से टीबी मरीज पोषणयुक्त बेहतर आहार ग्रहण करते हैं।

क्या है निक्षय पोषण योजना: सीडीओ डॉ. मंजर आलम ने कहा टीबी होने पर दवा के साथ साथ प्रोटीन व पौष्टिक भोजन की ज्यादा जरूरत होती है। अधिकांश टीबी मरीज आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के होते हैं। गरीबी के कारण टीबी पीड़ित मरीज पौष्टिक भोजन नहीं कर पाते हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने निक्षय पोषण योजना चलाया जा रहा है। ताकि निक्षयपोषण योजना से उपलब्ध राशि से मरीज को पौष्टिक भोजन मिल पाए।

टीबी के लक्षण

ल्ल लंबे दिनों तक लगातार खांसी आना

ल्ल सोते समय पसीना आना

ल्ल बलगम में खून आना

ल्ल लंलगातार वजन में गिरावट होना

ल्ल लंभूख न लगना टीबी के लक्षण हो सकते हैं।

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