एड्स पर नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी
किशनगंज में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें विभिन्न विभागों के पदाधिकारी...
एड्स पर नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी किशनगंज, एक प्रतिनिधि। एचआईवी एड्स से बचाव एवं नियंत्रण के लिए जिले के युवाओं तथा आमजनों को जागरूक करने के लिए जिले 12 अगस्त को शुरू हुई इनटेंसीफाइड कैंपेन अभियान 12 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इस दौरान व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस संबंध के बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक अनिल कुमार द्वारा जारी पत्र के आलोक में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार की अध्यक्षता में डब्लूएचओ, यूनिसेफ, शिक्षा, आदि विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक किया गया। सिविल सर्जन कार्यालय वेश्म में आयोजित बैठक में सीडीओ डॉ. मंजर आलम, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.बरकतुल्लाह, एसएमसी यूनिसेफ एजाज अफजल, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ.प्रीतम घोष, शिक्षा विभाग के डीपीओ, डीआईएस जयनारायण राम आदि उपस्थित थे। सिविल सर्जन ने कहा कि एचआईवी एड्स से बचाव एवं नियंत्रण हेतु युवाओं एवं आमजनों को जागरूक किये जाने के उद्देश्य से इनटेंसीफाइड कैंपेन का आयोजन 12 अगस्त से शुरू हुआ है जो 12 अक्टूबर 2024 तक किया जाना है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एचआईवी एवं एड्स के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में गतिविधियों को तीव्र करना, एचआईवी के संचरण के मार्गों के बारे में जानकारी को बढ़ावा देना, इससे जुड़े जोखिमों को जानना, एसटीआई व अन्य सेवायें के संबंध में जानकारी देना तथा एचआईवी एड्स को रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम 2017 के संबंध में जानकारी को बढ़ावा देना है, ताकि राज्य में एचआईवी संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों के साथ हो रहे भेदभाव को कम किया जा सके साथ ही उनके जीवन में गुणवत्तापूर्वक सुधार लायी जा सके।
इसके अंतर्गत जिलों के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर बैठक का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन ने कहा कि 12 अक्टूबर तक जागरूकता कार्यक्रम में लोग एचआईवी एड्स से बच सके इसके लिए जरूरी है कि लोगों की सही काउंसलिंग साथ एड्स होने के बाद भी लोग सही इलाज और दिनचर्या का पालन करके सामान्य जीवन जी सकते हैं। समाज में एड्स रोगी भी सामान्य जीवन जी सके इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएग। सीडीओ डॉ. मंजर आलम कहा कि किसी व्यक्ति को देखकर एचआईवी संक्रमण का पता नहीं लगाया जा सकता है। निर्धारित जांच से ही इसका पता लगाया जा सकता है। अमूमन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके जांच सहित अन्य सुविधाओं के लिये आईसीटीसी का संचालन किया जा रहा है। जहां जांच पूर्व व जांच के बाद जरूरी सलाह दी जाती है। जांच के नतीजे व इलाज संबंधी सेवाएं उपलब्ध हैं। किसी व्यक्ति को एचआईवी जांच के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है। वहीं जांच के नतीजे पूरी तरह गोपनीय रखने का प्रावधान है। मरीज के अलावा रिपोर्ट उनके किसी अन्य परिजन से साझा नहीं किया जाता है।
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