Establishment of Dadhichi Body Donation District Unit at Mata Gujri Memorial Medical College देहदान मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण : डॉ. इच्छित भारत, Kishanganj Hindi News - Hindustan
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देहदान मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण : डॉ. इच्छित भारत

देहदान मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण : डॉ. इच्छित भारत देहदान मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण : डॉ. इच्छित भारत

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजSat, 11 Oct 2025 04:39 AM
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देहदान मानवता की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण : डॉ. इच्छित भारत

किशनगंज। एक संवाददाता गुरुवार को माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के परिसर में दधीचि देह दान जिला इकाई का गठन किया गया । पूर्णिया देहदान समिति के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई । जिसमें माता गुजरी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. इच्छित भारत, रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव मिक्की साहा व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे । बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से जिला इकाई दधीचि देहदान समिति का अध्यक्ष डॉ. इच्छित भारत, व आभाष कुमार साहा उर्फ मिक्की साहा को सचिव के लिये चयन किया गया । साथ ही कई अन्य पदों पर सामाजिक कार्यकत्र्ता को जोड़ा गया ।

इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि देहदान को आज के समाज की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है । जिसे अपनाने की ज़रूरत है। देहदान देना एक पुण्य का कार्य माना जाता है, क्योंकि यह आपके जाने के बाद भी ज़रूरतमंदों को जीवन दे सकता है और इसके कई सामाजिक व आध्यात्मिक लाभ होते हैं। यह आधुनिक समय में रक्त और अंग दान की तरह ही जीवन बचाने वाला एक महत्वपूर्ण दान है, जिसे निस्वार्थ भाव से करना चाहिए। रजिस्ट्रार व दधीचि देह दान समिति के अध्यक्ष मनोनीत होने पर डॉ. इच्छित भारत ने कहा कि देहदान मानवता की सेवा का एक उत्कृष्ट माध्यम है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आता है। देह दान और नेत्रदान, दोनों ही व्यक्ति के जीवन को मृत्यु के बाद भी सार्थक बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका हैं। वृद्धावस्था में इस तरह के दान का निर्णय लेना, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। देहदान को आज के समाज की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है, जिसे अपनाने की ज़रूरत है। वहीं देह दान समिति के सचिव चयनित होने पर मिक्की साहा ने कहा कि जब कोई वृद्ध व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद देह या नेत्र दान का निर्णय लेता है तो वह न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक आदर्श स्थापित करता है। यह दिखाता है कि जीवन का अंतिम अध्याय भी दूसरों की भलाई के लिए समर्पित हो सकता है। यह एक ऐसी विरासत है, जो अनमोल है। उनका दिया हुआ अंग दान स्वरूप दूसरो को जिंदगी भर के लिये जीवन दान देता है । इस अवसर पर दधीचि देहदान समिति के उपाध्यक्ष दीप समर, कोषाध्यक्ष अजय गुप्ता, रंजीत कुमार रामदास, प्रदीप कुमार साहा, विमल मित्तल, सौरभ कुमार, शिवम साहा, गौतम मजूमदार, प्रवीर प्रसुन्न, अमित कुमार मंडल, ब्रजेश सिंह रविन्द्र साहा एवं समाजिक कार्यकत्र्ता मौजूद रहे।

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