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सीएचसी बहादुरगंज : जिला कोचिंग टीम ने किया निरीक्षण

किशनगंज। एक प्रतिनिधि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बहादुरगंज में जिला कोचिंग...

सीएचसी बहादुरगंज : जिला कोचिंग टीम ने किया निरीक्षण
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,किशनगंजWed, 01 Nov 2023 12:30 AM
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किशनगंज। एक प्रतिनिधि
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बहादुरगंज में जिला कोचिंग दल के सदस्य के द्वारा लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए मंगलवार को निरीक्षण किया गया। टीम ने प्रसव कक्ष व ओटी का मूल्यांकन किया। इस क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगंज की गुणवत्ता की मैपिंग की गई । जिसमें आठ तरह के मूल्यांकन पैमाने बनाए गये थे। इसमें अस्पताल की आधारिक संरचना के साथ साफ-सफाई का स्तर, स्टाफ की उपलब्धता, लेबररूम के अंदर जरूरी संसाधनों की उपलब्धता की मैपिंग की गयी है। साथ ही लेबर रूम में सभी 36 प्रकार के रजिस्टर के अपडेशन की जानकारी ली गई । निरीक्षण को आयी जिला कोचिंग दल के सदस्य डॉ. देवेन्द्र कुमार एवं पिरामल स्वास्थ्य के गांधी फेलो एवं पदाधिकारी शामिल हुए ।

भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडीकेटरों की होती है जांच:

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए जिलास्तरीय दल लगातार प्रयत्नशील है। जिसमें दल ने 8 मानकों जिसमें मुख्य रूप से सेवा प्रावधान, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम का मूल्यंकन किया जाना शामिल हैं । इन सभी आठों इंडीकेटरों के 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर) जि़ला कोचिंग दल (जि़ला स्तर पर) व क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता है। यह देखा जाता कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही आठों इंडीकेटरों के अनुरूप नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं, इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है। कहा कि प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं के मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाता है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाता है। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाती है। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी व 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है.। इन सभी श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि प्रदान की जाती है।

क्या है लक्ष्य योजना:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला कोचिंग दल के सदस्य डॉ.देवेन्द्र कुमार ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भारत सरकार ने लक्ष्य योजना शुरू की है। इसके जरिये लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में प्रसूता को आधुनिक सुविधाएं दी जाएगी ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लक्ष्य टीम के निरीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इससे अस्पताल के लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी नई तकनीक का प्रयोग किया जा सके। जच्चा और बच्चा का पूरा ध्यान रखा जा सके।

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