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ए ग्रेड स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का है अभाव

ए ग्रेड रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त खगड़िया में यात्री सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि यात्रियों की बढ़ी आवाजाही के अनुसार टिकट काउंटर की भी व्यवस्था नहीं है। यहां दिन के शिफ्ट में कभी तीन तो कभी...

ए ग्रेड स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का है अभाव
हिन्दुस्तान टीम,खगडि़याFri, 07 Feb 2020 12:24 AM
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ए ग्रेड रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त खगड़िया में यात्री सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि यात्रियों की बढ़ी आवाजाही के अनुसार टिकट काउंटर की भी व्यवस्था नहीं है। यहां दिन के शिफ्ट में कभी तीन तो कभी चार काउंटर चलते हैं।उल्लेखनीय है कि एक नम्बर प्लेटफार्म स्थित काउंटर सहित नए स्टेशन भवन में दिन में चार काउंटर खुलते हैं। यात्रियों की भीड़ में इतने कम काउंटर नाकाफी है। जाहिर है कि यहां हर रोज दस हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती है। सुबह के सात बजे से दोपहर तक यात्रियों की काफी भीड़ बढ़ी रहती है। ऐसे में रेल यात्रियों को टिकट लेने के लिए लम्बी लाइन में लगना पड़ता है। पुराने भवन में छह काउंटर हैं, पर सभी काउंटर नहीं खुलता है।

बताया जाता है कि सुबह के सात बजे से दिन के 11 बजे तक काफी भीड़ रहती है। इस समय जनसेवा, इंटरसिटी, राज्यरानी से लेकर पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों की काफी भीड़ लगती है। दोपहर के 12 बजे से दो बजे तक भी टिकट काउंटर पर भीड़ लगती है।

कॉमर्शियल क्लर्क की है खासी कमी: खगड़िया रेलवे स्टेशन पर कॉमर्शियल क्लर्क की खासी कमी है। जिसका असर टिकट काउंटर पर पड़ रहा है। वर्तमान में यहां 16 कॉमर्शियल क्लर्क ही पदस्थापित हैं। जो कम है। यहां कम से कम बीस कर्मी की जरूरत है। जिससे जरूरत अनुसार टिकट काउंटर खोला जा सके। साथ ही शिफ्ट में कर्मियों की ड्यूटी सुचारू रूप से चल सके। बताया जाता है कि कम से कम तीन कर्मियों का पदस्थापन और होना चाहिए। ताकि पर्याप्त टिकट काउंटर खुल सके। कर्मियों को अवकाश लेने में भी दिक्कत होती है।

तीन शिफ्टों में टिकट काउंटर की व्यवस्था: खगड़िया रेलवे स्टेशन पर आठ-आठ घंटे के तीन शिफ्ट में टिकट काउंटर चलता है। दिन के शिफ्ट में एक काउंटर महिला, विकलांग व सिनियर सिटिजन के लिए अलग से चलती है। इसके बाद तीन काउंटर चलते हैं। जिस कारण काफी भीड़ बढ़ जाती है। वहीं नए स्टेशन भवन में अब दो शिफ्ट में टिकट काउंटर चलती है। कम से कम छह काउंटर दिनभर खुले रहने की जरूरत महसूस यात्री कर रहे हैं।

अन्य जगह ड्यूटी लगने से और समस्या: कॉमर्शियल कर्मियों की टिकट काउंटर के अलावे भी अन्य जगह ड्यूटी लगती है। साथ ही यहां के कॉमर्शियल लिपिक जरूरत पड़ने पर कभी महेशखंूट तो कभी मानसी में भी ड्यूटी करने जाते हैं। साथ ही लखमिनिया स्टेशन में भी ड्यूटी लगाई जाती है। बता दें कि खगड़िया खंड के अंदर पसराहा से लेकर लाखो रेलवे स्टेशन भी आता है। इन स्टेशनों के टिकट काउंटर पर यहां के कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। बता दें कि खगड़िया में वर्तमान में 16 कर्मी के सहारे ही साधारण टिकट काउंटर, पार्सल, मालगोदाम आदि डयूटी करनी पड़ती है। कर्मियों की मानें तो पांच काउंटर चलाने को लेकर रेस्ट प्रभावित होता है।

पूछताछ काउंटर पर भी है समस्या: पूछताछ काउंटर पर एनटीईएस की सुविधा नहीं रहने से ट्रेनों की सही जानकारी लेने में यात्रियों को समस्या है। यहां फिलहाल आउटसोर्सिंग से पूछताछ काउंटर चल रहा है। यहां पांच कर्मियों को लगाया है। दिन में दो कर्मी रहते हैं। रात में एक कर्मी पूछताछ काउंटर पर रहते हैं। रेल यात्री संजय कुमार, मुकेश आदि ने बताया कि पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों की जानकारी लेने में दिक्कत होती है। साथ ही टिकट काउंटर और बढ़ाने की जरूरत है। ताकि समस्या नहीं हो।

हर रोज औसतन दस लाख की होती है राजस्व प्राप्ति : खगड़िया रेलवे स्टेशन को यात्री किराया से हर रोज औसतन दस लाख की आमदनी होती है। इतने लाखों की राजस्व मिलने के बाद भी उस अनुसार यात्रियों को सुविधा नहीं मिल रही है। जहां टिकट काउंटर पर लम्बी लाइन में लगनी पड़ती है। वहीं ट्रेनों के आने के इंतजार में अधिकांश यात्रियों को खड़े रहने की मजबूरी है।

प्लेटफार्म संख्या दो व तीन पर शेड व कंक्रीट बेंच की खासी कमी है। यहीं नहीं यहां पे एण्ड यूज शौचालय बना है, जो प्रयोग लायक नहीं है। इस प्लेटफार्म से सहरसा, समस्तीपुर और मंुगेर जमालपुर के लिए ट्रेन खुलती है। इस रूट में यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी देर तक ट्रेनों का इंतजार करना भी पड़ता है। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी होती है। स्टेशन पर साफ-सफाई पर्याप्त नहीं दिखती है।

जरूरत अनुसार टिकट काउंटर चल रहे हैं। नए स्टेशन भवन में भी अब दो शिफ्ट में टिकट काउंटर चालू है। यहां के कर्मियों को जरूरत पड़ने पर दूसरे स्टेशन भी ड्यूटी लगने से समस्या होती है।

विष्णुदेव मिश्रा, वाणिज्य अधीक्षक

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