नदियों में जलजीवों को बचाने के लिए शिकारमाही पर प्रतिबंध लगा
खगड़िया में शहरीकरण और प्रदूषण के कारण नदियों में जलजीवों की संख्या घट रही है। राज्य सरकार ने गंगा, बागमती और बूढ़ी गंडक नदियों में रिवर रैचिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य मछलियों की...

खगड़िया। बढ़ते शहरीकरण, प्रदूषण एवं मानव जनित क्रियाकलापों के कारण नदियों में जलजीवों की संख्या लगातार घट रही है। नदियों में सामान्यत: पाई जाने वाली मछलियों की घटती संख्या से जलीय पारिस्थिकी तंत्र एवं जैव विविधता पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जिससे मानव समुदाय भी परोक्ष रूप से प्रभावित हो रहा है। प्राकृतिक जल संपदा को बचाने, मत्स्यजीवी को जीविका का अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने और विलुप्त हो रही मछलियों की प्रजाति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए राज्य सरकार ने प्रमुख नदियों में रिवर रैचिंग की है। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत खगड़िया जिला में गंगा, बागमती एवं बूढ़ी गंडक नदी में अंगुलिका का संचयन किया गया है। यह एक दीर्घकालीन कार्यक्रम है। जिसके तहत 8-10 साल तक रिवर रैचिंग कार्यक्रम के पश्चात् इसका असर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता पर दिखाई पड़ेगा। इस योजना के कियान्वयन से नदियों की उत्पादकता में अभिवृद्धि होगी। नदियों में मछलियों को बचाने के लिए अंगुलिका संचयन के उपरांत नदियों से मछली पकड़ने पर रोक लगाई गई हैं। जिले के सारे मछुआ सदस्यों से अनुरोध है कि नदियों में संचित मछलियों की शिकारमाही ना करें एवं अन्य किसी भी व्यक्ति को ऐसा करने से रोकें।
शिकारमाही में चार सेमी से कम का फासा लगाने पर भी प्रतिबंध: नदियों मे शिकारमाही के कम में 4 सेमी से कम का फासा जाल (गिलनेट) के इस्तेमाल पर रोक लगाया गया है। वहीं पालने वाले किसी भी नस्ल के अंगुलिका (जीरा) का शिकारमाही नहीं करने समेत मछलियों के आने-जाने वाले रास्तों पर किसी प्रकार का बाड़ी अथवा घेरा नहीं लगाने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि नदियों में शिकारमाही के लिए डायनामाईट या अन्य विस्फोटक पदार्थ, जहर या अन्य जहरीले पदार्थों के इस्तेमाल को पूर्णरूप से प्रतिबंधित बताया गया है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने थानाध्यक्षों को लिखा पत्र: रिवर रैचिंग के बाद छोटे मछलियों के शिकरमाही नही हो। इसके लिए जिला मत्स्य पदाधिकारी ने सभी थानाध्यक्षों को पत्र लिखकर कहा कि नदियों में मछलियों के शिकारमाही को लेकर विशेष नजर बनाए रखेंगे। अगर नियम के विरुद्ध शिकारमाही कोई करे तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए।
कोट: रिवर रैचिंग के बाद अंगुलिकाओं (मछली के जीरा) के शिकारमाही को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। इस संबंध में सभी थानाध्यक्षों को पत्र भी लिखा गया है।-लाल बहादुर शाफी, जिला मत्स्य पदाधिकारी।
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