प्लस टू हाईस्कूल अलौली में पांच कमरे में 12 सौ छात्रों की होती है पढ़ाई
अलौली के उच्चतर माध्यमिक स्कूल में 1200 छात्रों के लिए केवल पांच कमरे हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना मुश्किल हो रहा है। स्कूल प्रबंधन की अनदेखी और जीर्णोद्धार की कमी के कारण स्थिति गंभीर...

अलौली। एक प्रतिनिधि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना चाहती है। पांच कमरे में नामांकित 12 सौ छात्र कहां, कैसे बैठकर अध्ययन कर सकते है। ऐसे स्कूल से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना क्या उचित हो सकती है? इसका निर्णय तो बिना समझ वाले भी आसानी से कर सकते हैं। यह स्थिति है राज्य सम्पोषित उच्चतर माध्यमिक स्कूल अलौली की। स्कूल स्थापना काल के समय ही सात बड़े बड़े कमरे का भवन जो बीस ईंच दीवार का पक्का भवन स्कूल प्रबंधन की देखरेख के बगैर नाकाम साबित हो कर रह गया है। पिछले पन्द्रह वर्षो में देख भाल नहीं होने के कारण छत पर बड़े-बड़े वृक्ष उगे है।
जिसे अभी भी जीर्णोद्धार कर वेहतर किया जा सकता है। बताया जाता है कि स्कूल प्रबंधन समिति अपने व्यवसाय के लिए हमेशा चाहते हैं कि भवन को तोड़कर हटा दिया जाय और उसकी जगह दुकान का शेड निर्माण किया जाय। जैसा कि स्कूल की दक्षिणी भाग में नौ स्टॉल विधायक मद से तैयार किया गया। जिसे पांच सौ रुपये प्रति दुकान किराया में लगाया गया। नाम आवंटित किसी के नाम से और दुकान किसी और को किराया में दिया गया है। वही तीन हजार रुपए किराया लिया जाता है। स्कूल शिक्षा समिति की अनदेखी : हाईस्कूल में स्कूल शिक्षा समिति के अध्यक्ष विधायक होते है और सचिव स्कूल के प्रधान होते है। वरीय शिक्षक भले ही सदस्य होते हैं पर, विधायक की मनमर्जी के राजनैतिक कार्यकर्ता को रखा जाता है। कब कितनी राशि जमा हुई? कब उसकी निकासी हो गई? इससे समिति के सदस्यों का कोई लेना देना नहीं होता है ना ही किसी तरह की जानकारी ही रहती है। बिना नाम बताए एक सदस्य ने बताया कि यदा कदा ही बैठक होती है। पिछले 20 वर्षो में स्कूल का कोई विकास कार्य नहीं हो पाया। मोटी राशि खाते में रहते हुए भी पुराने भवन का जीर्णोद्धार अपने लाभ कमाने के उद्देश्य से अब तक नहीं हो पाया है। हाईस्कूल के 11 में से छह बन है स्टोर रूम: इंटर स्कूल भवन में कुल ग्यारह कमरे बताये जाते हैं। जिसमें छह कमरे में विभिन्न सामग्री से भरा है। शेष बचे पांच कमरे वह भी बड़े नहीं। उसमें 12 सौ छात्र कैसे बैठ सकते हैं। शिक्षा विभाग का निर्देश है कि छात्रों की उपस्थिति का प्रतिदिन फोटो शेयर करें। कैसे होगा और छात्र स्कूल कैसे और किस लिए प्रतिदिन जाने आने का काम करे। इस स्थिति में छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा कैसे मिल पाएगी? बोले अधिकारी : स्कूल में शिक्षक की कमी नहीं है। योग्य शिक्षक भी है, परन्तु छात्रों को बैठने के लिए कमरे का अभाव है। नये भवन के निर्माण होने से व्यवस्था सुधरेगी। मिथलेश कुमार, प्रभारी एचएम, प्लस टू हाईस्कूल अलौली।
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