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चार डॉक्टरों के भरोसे 3.5 लाख की आबादी

जिले के गोगरी प्रखंड के साढ़े तीन लाख से अधिक की आबादी चार डॉक्टरों के भरोसे है। रेफरल अस्पताल व पीएचसी मिलाकर यहां केवल चार डॉक्टर ही कार्यरत हैं जबकि दस पद स्वीकृत है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग...

चार डॉक्टरों के भरोसे 3.5 लाख की आबादी
हिन्दुस्तान टीम,खगडि़याThu, 25 Oct 2018 12:32 AM
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जिले के गोगरी प्रखंड के साढ़े तीन लाख से अधिक की आबादी चार डॉक्टरों के भरोसे है। रेफरल अस्पताल व पीएचसी मिलाकर यहां केवल चार डॉक्टर ही कार्यरत हैं जबकि दस पद स्वीकृत है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की इस कुव्यवस्था को दूर कर अस्पताल में डाक्टरों की पोस्टिंग नहीं की जा रही है। डॉक्टरों की कमी के कारण गरीब मरीजों को किस कदर परेशानी उठानी पड़ती होगी, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

एक छत के नीचे रेफरल व पीएचसी: गोगरी में रेफरल अस्पताल व पीएचसी का संचालन एक ही छत के नीचे संयुक्त रूप से किया जाता है। रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों के सृजित पद चार हैं जबक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में छह। लेकिन रेफरल अस्पताल मेंे वर्तमान समय में एक भी डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई है। विभाग द्वारा दो डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई थी, लेकिन ये दोनों डॉक्टर रेफरल में योगदान करने के बाद फिर अस्पताल से गायब हैं।

वे एक दिन भी रेफरल अस्पताल में ड्यूटी नहीं किए। वही पीएचसी मेंे छह डॉक्टरों के सृजित पदों में से मात्र चार डॉक्टरों की ही पोस्टिंग की गई है। इसमें एक डॉ. शोभा रानी की ड्यूटी प्रत्येक सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गौछारी मेंे है। एक डॉ. सुभाष चन्द्र बैठा की पोस्टिंग अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र पसराहा में है लेकिन उनका डिप्टेशन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोगरी में हैं।

विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी: रेफरल अस्पताल गोगरी में विशेषज्ञ डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं होने से मरीजो को काफी परेशानी होती है। विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में सामान्य मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है। इससे गरीब मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है। बताया जाता है कि किसी वाहन दुर्घटना में अगर शरीर का कोई बोन क्रेक कर जाता है तो उसे तुरंत ही रेफर कर दिया जाता है।

अस्पताल में आथार्ेपैडिक विशेषज्ञ डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं होने से मरीजों को यह परेशानी झेलनी पड़ती है। वहीं छोटे बच्चे की तबीयत खराब होने की स्थिति में चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पास रेफर किया जाता है। अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की कोई सुविधा नही हैं जिसका परिणाम है कि प्रसव में थोड़ा परेशानी भी महसूस होने पर सदर अस्पताल रेफर किया जाता है।

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