अलौली पीएचसी के स्टोर कक्ष में 13 वर्षो से लगी है हथकड़ी
संक्षेप: 3. बोले लीड:अलौली पीएचसी के स्टोर कक्ष में 13 वर्षो से लगी है हथकड़ीअलौली पीएचसी के स्टोर कक्ष में 13 वर्षो से लगी है हथकड़ीअलौली पीएचसी के स्टोर कक्ष म

अलौली। एक प्रतिनिधि अलौली पीएचसी स्टोर कक्ष के दो कमरे में वर्ष 2012 में पुलिस द्वारा हथकड़ी लगायी गयी थी। मामला एक्सपायर दवा से संबंधित था। उसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू की गई। स्टोर को पुलिस द्वारा सील कराया गया था, जो अब तक नहीं खुल पाया है। जिला परिषद अध्यक्षा कृष्णा कुमारी यादव के नेतृत्व मे वर्ष 2012 में जिप सदस्यों की टीम ने एक्सपायर दवा की जांच की थी। जिसमें पीएचसी के स्टोर में लाखों की एक्सपायर दवा मिली थी। जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम से जांच करायी गयी थी।
जिसमें लाखों की एक्पायर दवा, लगभग 10 लाख रुपये से अधिक की अच्छी दवा एवं कीमती स्वास्थ्य उपक्रम स्टोर में थे। उस समय के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनारायण चौधारी एवं स्टोर कीपर के ऊपर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। उसी क्रम में स्टोर कीपर को निलंबित किया गया। निलंबन की अवधि खत्म होने के बाद स्थानानांतरण कर दिया गया, परन्तु प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की सुरक्षा के लिए कई वर्षो तक पद पर ही रखा गया ताकि अपना बचाव सुनिश्चित कर सके। मामले की गम्भीरता को देख कर प्रभारी डॉ आरएन चौधरी को सदर अस्पताल में प्रतिनियोजित कर दिया गया। उसके बाद डीएस व सीएस का भी प्रभार दिया गया। वर्त्तमान में डॉ आरएन चौधरी बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के पद पर कार्यरत है। अगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहल कर स्टोर कक्ष की हथकड़ी खोल जाती तो शायद उस समय लाखों की दवा बर्बाद होने से बच सकती थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका। स्टोर रुम बन चुका है कवाड़खाना : वर्त्तमान स्थिति यह है कि पूर्व के पीएचसी स्टोर कक्ष का दो कमरा में जब से हथकड़ी लगी तक से उस भवन के शेष कमरे का कोई उपयोग नहीं किया गया। जिस कारण पूरा भवन ही बेकार साबित हो रहा है। जबकि पहले उसी भवन में स्थापना के स्टाफ द्वारा कार्यालय चलाया जाता था। आस पास के भाग में बड़े बड़े जंगल उग गये हैं। अब तो ऐसा है कि बिना देख रेख होने के कारण बाहर के दुकानदारों ने चारदीवारी में छेद कर गंदे पानी के बहाव का भी रास्ता इसी कमरे को बना लिया है। अच्छी दवा एवं उपक्रम बर्बाद होने का आखिर कौन है जिम्मेवार : भाकपा जिला मंत्री पुनीत मुखिया व राष्ट्रीय लोजपा के प्रदेश महासचिव डॉ रामानंद यादव ने बताया कि अस्पताल के स्टोर कक्ष के एक्सपायर दवा की जांच अच्छी बात है। जांच क्रम मे पुलिस द्वारा भंडार को सील किया जाना भी उचित है। पर, अच्छी उपयोगी दवा एवं स्वास्थ्य के आवश्यक उपक्रम को इतने दिनों तक बंद रखकर जो बर्बाद किया गया उसके जिम्मेदार आखिर कौन हैं? सरकारी राशि का दुरुपयोग जान बूझकर किया जाना अपने आप में संगीन अपराध माना जा सकता है। बताया गया कि जांच दल द्वारा जांच के पश्चात अच्छी दवा वं उपक्रम को सुरक्षित कर लेना चाहिए ताकि आम मरीजों को लाभ मिल सकेजो नहीं हो पाया है। सामग्री के स्टॉक की होनी चाहिए जांच : विभाग से अस्पताल को सामग्री प्राप्त हो या किसी भी स्तर से उसकी जांच तो होनी ही चाहिए। पिछले 10 वर्षो मे इसकी जांच नहीं होने से यह भी पता नहीं कि कब कौन सामग्री कहां और किनको प्राप्त हुई। अस्पताल मे कागजी प्रक्रिया मे जो भी हो वह सामग्री स्थल पर देखने को नहीं मिलती खास कर क्षेत्रीय अस्पताल में तो कोई सामग्री दिखती ही नहीं है। सही से जांच हो तो सच्चाई सामने आ सकती है। बोले लोग: 1. कुव्यवस्था के कारण अस्पताल का समुचित लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। व्यवस्था में सुधार लाने की जरुरत है। वरुण कुमार, पंचायत समिति सदस्य, बहादुरपुर। 2. अस्पताल मामले का निष्पादन जल्द होना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मी के बचाव में लाखों की दवा व सामग्री बर्बाद हुई है। सरकारी राशि का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। अमरेंद्र कुमार, अध्यक्ष, प्रखंड बीस सूत्री, मानसी। 3. मरीजों को पूरा डोज डॉ नहीं देते जिस कारण दवा एक्सपायर होता रहता है। दवा बर्बाद होने पर विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। ललन कुमान, पूर्व मुखिया, सहसी। 4. अस्पताल मे सुविधा का अभाव नहीं है। जरूरत है स्वास्थ्यकर्मी को अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने की। संगम कुमारी मालाकार, सामाजिक कार्यकत्र्ता, बहादुरपुर। 5. प्रतिवर्ष लाखों की गर्भ निरोधक दवा बर्बाद होती है। जिसका स्वास्थ्यकर्मी सही से उपयोग नहीं कर पाते हैं। सुनीता कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता, हरिपुर। 6. अस्पताल के स्टोर कक्ष में हथकड़ी लगाकर लाखों की सरकारी संपत्ति बर्बाद की गई। जिसकी भारपाई विभाग को करानी चाहिए। डॉ श्रेता यादव, सामाजिक कार्यकर्ता, मेघौना। बोले अधिकारी: पीएचसी के पुराने स्टोर कक्ष के दो कमरे में हथकड़ी लगी देखते आ रहे हैं। अब तक किसी स्तर से बंद स्टोर को खेलने का आदेश नहीं आ पाया है। इस मामले में क्या कार्रवाई चल रही है वह भी पता नहीं है। डॉ मनीष कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अलौली।

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