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वीरवास में कोसी नदी का कटाव लगातार जारी

गोगरी प्रखंड के सर्किल नम्बर एक के पैकांत पंचायत के वीरवास गांव में बीएन बांध पर कोशी नदी के जलस्तर में वृद्घि के साथ ही भीषण कटाव जारी है। कोसी का तेज कटाव बांध के करीब होने से सर्किल नं एक की 50...

वीरवास में कोसी नदी का कटाव लगातार जारी
हिन्दुस्तान टीम,खगडि़याFri, 03 Jul 2020 12:38 AM
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गोगरी प्रखंड के सर्किल नम्बर एक के पैकांत पंचायत के वीरवास गांव में बीएन बांध पर कोशी नदी के जलस्तर में वृद्घि के साथ ही भीषण कटाव जारी है। कोसी का तेज कटाव बांध के करीब होने से सर्किल नं एक की 50 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लोग दहशत में हैं। अब तक आधा दर्जन से अधिक परिवारों के घर कटाव से कोसी नदी में समा चुके हैं। हालांकि जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष की पहल पर गोगरी अनुमंडलधिकारी सुभाषचन्द्र मंडल ने कटावस्थल का निरीक्षण कर पीडि़त परिवारों से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा था कि शीघ्र ही कटाव निरोधी कार्य शुरू किया जाएगा।

स्थानीय ग्रामीण सिकंदर शर्मा ने बताया कि अभी तक कुल 20 परिवारों के घर कोसी नदी में समा चुके हंै। सभी परिवार पॉलिथिन सीट के सहारे बीएन बांध पर शरण लिए हुए हैं। हालांकि प्लास्टिक के बैग में मिट्टी भरने का काम शुरू हुआ है। जिसे डालकर कटाव रोकने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीण सुबोध शर्मा और राधे शर्मा का घर कोसी कटाव में विलीन हो चुका है। उन्होंने बताया कि कटाव शुरू होने पर कटाव निरोधी कार्य पानी में पैसा बहाने जैसा है। सरकार को कटाव पीडि़त परिवारों को पुनर्वासित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया तो सर्किल नं एक के पैकांत, देवठा, कोयला व मैरा पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएगा। सर्किल नं एक के चंद्रशेखर दास, सिकन्दर शर्मा व श्रवण शर्मा ने बताया कि गांव के मजदूर बांध पर लगे हरे पेड़ की टहनी को काटकर धारा में डाल रहे हैं ताकि कोसी की तेज धार किनारे से न टकराए। बांध के किनारे बसे परिवारों के घर पर कटाव खतरा मंडराने लगे है।

अभी तक वीरवास मे कटाव निरोधी कार्य के नाम पर करोंड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए हैं पर, एक इंच भी उपजाऊ जमीन को बचायी नहीं जा सकी है। पंचायत मुखिया बैद्यनाथ सदा ने बताया कि 20 पीडि़त परिवारों को पॉलिथिन सीट दिया गया है। सभी विस्थापित परिवार बीएन बांध पर शरण लिए हुए हैं। हाल के दिनों में भीषण बरसात से नदी का बहाव तेज हो गया है। जिससे कटाव भी तेज हो गया है। बांध के भीतर रह रहे लोग अपने अनाज व मवेशी के साथ बांध पर शरण लेने शुरू कर दिए हैं। लोगों में संभावित बाढ़ को लेकर काफी दहशत का माहौल देखा जा रहा है।

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