सौढ़ मौजा में जीएन बांध पर किए अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया
परबत्ता के सौढ़ मौजा में जीएन बांध पर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त किया है। 29 और 30 दिसंबर को बंधकट्टा से स्लुईस गेट तक अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू हुआ। स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध...

परबत्ता। प्रखंड के सौढ़ मौजा में जीएन बांध पर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। अपीलीय प्राधिकार के आलोक में 29 व 30 दिसंबर तक सौढ़ मौजा के जीएन बांध स्थित बंधकट्टा सें स्लुईस गेट तक अतिक्रमण मुक्त कराया जाना है। इधर रविवार की सुबह होते ही प्रशासन और अधिकारियों की टीम चिह्नित स्थल पर पहुंची। सीओ मोना गुप्ता के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा जेसीबी के माध्यम सें अतिक्रमण को हटाए जाने लगा। हालांकि अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों के बीच आक्रोश पनप रहा था, लेकिन पुलिस प्रशासन के सामने किसी कि एक ना चली। पुलिस प्रशासन के सहयोग सें अतिक्रमण मुक्त कराने का कार्य शांतिपूर्ण चलता रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सौढ़ मौजा में बंधकट्टा सें स्लुईस गेट तक जीएन बांध के बीच स्थानीय लोगो द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था। इस अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोगो द्वारा अपीलीय प्राधिकार में मामला लाया गया है। बताया जाता है कि इसको लेकर अंचल कार्यालय द्वारा पूर्व सें नोटिस के माध्यम सें सूचना दी गई है थी, लेकिन स्थानीय अतिक्रमणकारियो का जूं तक नहीं रेंगी। अंत में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने का कार्य शुरू किया।
अगुवानी से कोरचक्का स्लुईस गेट तक बांध को खाली कराने की मांग: स्थानीय ग्रामीण अजय मंडल,राजीव मंडल, ज्वाला मंडल, मुकेश मंडल, पिंटू मुनि, गौरी महतो ,दिनकर मंडल सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया की अतिक्रमण मुक्त कराना अच्छी बात है, लेकिन अगुवानी से कोरचक्का स्लुईस गेट तक बांध को खाली कराना चाहिए। जिससे कोई विवाद नही हो। इसमें गरीब तबके के दुकानदार और भूमिहीन लोगों का घर टूटा है। हालांकि स्थानीय पीड़ित परिवारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि ठंड के मौसम में गरीब विस्थापितों के घर को अतिक्रमण मुक्ति के नाम पर हटाना राजनीतिक षड्यंत्र है। उन्हें मौके दिए जाने चाहिए। मौके पर ाोगरी एसडीपीओ, रमेश कुमार, सीओ मोना गुप्ता के अलावा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी आशीष कुमार झा, भरतखंड थानाध्यक्ष रौशन कुमार, ग्रामीण अजय मंडल, पप्पू मंडल, रामजतन रजक आदि मौजूद थे।
कोट: न्यायालय के आदेश के आलोक में अवैध अतिक्रमण को मुक्त कराया गया है। स्वेच्छा से नहंी हटाने पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई है।-मोना गुप्ता, सीओ, परबत्ता।
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