खानाधार पुल ध्वस्त होने से आवागमन बाधित
प्रखंड को जिला मुख्यालय एवं कटिहार प्रखंड को जोड़नेवाली सड़क के खानाधार में 1999 में सांसद कोष से निर्मित खानाधार पुल वर्ष 17 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान पुल और सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी...
प्रखंड को जिला मुख्यालय एवं कटिहार प्रखंड को जोड़नेवाली सड़क के खानाधार में 1999 में सांसद कोष से निर्मित खानाधार पुल वर्ष 17 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान पुल और सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी। इस बाढ़ में खानाधार पुल क्षतिग्रस्त होकर गिर जाने से डंडखोरा और कटिहार प्रखंड को दो भागों में बट गया है। महज 18 वर्ष में यह पुल ध्वस्त हो गया। पुल क्षतिग्रस्त होने से तीन वर्ष से आवागमन अवरुद्ध है।
जिससे कई गांव के लोग प्रभावित है। ग्रामीणों को आधा किलोमीटर की दूरी तय करने में पांच से दस किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। तीन वर्ष से प्रशासन इस पुल को लेकर मौनहै। अभी तक किसी भी पदाधिकारी ने पुल के सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। ग्रामीण चितरंजन भारती, सूरज विश्वास, ललन मंडल ने कहा कि यह सड़क बन जाने के बाद कटिहार से सोनैली, सालमारी, बारसोई की दूरी में दस से पन्द्रह किलोमीटर की कमी हो जायेगी। लोगों का कहना है कि हजारों लोगों को इस पुल के ध्वस्त होनेसे आवाजाही में परेशानी होती है। खानाधार पुल के ध्वस्त होने से एक बड़ी आबादी को शहर जाने के लिए पन्द्रह किलोमीटर घूम कर जाने की लाचारी बनी हुई है। यह सड़क सोती, गोरफर, परड़िया, बलूआ टोला, डंडखोरा ,रामपाड़ा सहित कई गांवों के लोगों के लिए कटिहार मुख्यालय जाने के लिए कम दूरी की सड़क मानी जाती है