नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने से कटाव थमा
बुधवार को महानंदा नदी को छोड़ कर सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण कुछ जगहों पर कटाव थमा जरुर लेकिन तटबंध और स्पर पर दबाब अब भी बना हुआ...
बुधवार को महानंदा नदी को छोड़ कर सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण कुछ जगहों पर कटाव थमा जरुर लेकिन तटबंध और स्पर पर दबाब अब भी बना हुआ है।
महानंदा नदी का जलस्तर अभी भी कदवा, आजमनगर, प्राणपुर, अमदाबाद में लाल निशान से करीब दो से तीन फीट ऊपर है। बुधवार की शाम में गंगा नदी का जलस्तर में वृद्धि के साथ बरारी, काढ़ागोला, सेमापुर, मोहनाचांदपुर के अलावा निचले इलाके में रहने वाले लोगों में बाढ़ की चिंता सताने लगी है। अभियंता का कहना है कि गंगा नदी के अप स्ट्रीम में पानी के बढ़ने की रफ्तार धीमी हो गई है। इस कारण से दो दिन बाद नदी के जलस्तर में गिरावट की संभावना बन रही है। कुरसेला प्रखंड में रेल और सड़क पुल के पास कोसी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से दो फीट से ज्यादा ऊपर पहुंच गया है।
नगर निगम क्षेत्र के शहरी सुरक्षात्मक तटबंध के चेन संख्या 389 के पास कारी कोसी नदी का जलस्तर में पिछले चार दिनों में 60 सेमी से ज्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज किया गया है। इस कारण से नगर निगम क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ा दिया है। महानंदा नदी का पानी बारसोई, कदवा, आजमनगर, प्राणपुर प्रखंड के चार सौ से अधिक गांव में प्रवेश करने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र कुमार मेहता ने बताया कि महानंदा नदी का जलस्तर नदी के अपस्ट्रीम में झौआ के पास चौबीस घंटे में 30 सेमी घट गया है।
उन्होंने कहा कि महानंदा नदी का जलस्तर सात आक्राम्य स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है। अभी कटाव नहीं हो रहा है लेकिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे उतरने के बाद कटाव की गति बढ़ सकती है। इसके लिए सभी संबंधित कार्यपालक अभियंता को अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कटाव से तटबंध और स्पर की क्षति होने पर अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।